डेटिंग ऐप लोगों के लिए जी का जंजाल, जरा संभल के रहना ऐसे ठगी हो गई
रेस्टोरेंट का मालिक, वहां काम करने वाला मैनेजर और रेस्टोरेंट का स्टाफ व साथ में एक 25 साल की लड़की भी शामिल थी.
नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली (Delhi) में डेटिंग एप टिंडर (dating app) के जरिए एक ऐसा गैंग सामने आया है, जिस पर यकीन करना बेहद मुश्किल है. डेटिंग एप से कैसे ठगी की जाए, इसके लिए पूरा का पूरा रैकेट चल रहा था. इसमें रेस्टोरेंट का मालिक, वहां काम करने वाला मैनेजर और रेस्टोरेंट का स्टाफ व साथ में एक 25 साल की लड़की भी शामिल थी. लड़की का काम डेटिंग एप पर शिकार की तलाश करना था, फिर उसे किसी बहाने रेस्टोरेंट के अंदर बुलाना और बहाना करके अचानक रेस्टोरेंट से भाग जाना था.
लड़की के कैफे से जाने के तुरंत बाद मैनेजर की तरफ से सामने बैठे शख्स को एक लंबा चौड़ा बिल दिया जाता था, यह बिल लाखों में होता था. सामने वाला शख्स अगर बिल देने से मना करता तो उसे डराया धमकाया जाता था. उसे कमरे में बंद कर दिया जाता और फिर जब तक वह पूरा बिल नहीं भर देता, तब तक उसे बाहर नहीं जाने दिया जाता था.
इस गैंग की जानकारी दिल्ली पुलिस को तब हुई, जब 24 जून को शिकायतकर्ता दिल्ली के शकरपुर थाने में पहुंचा. शिकायत करने वाले ने बताया कि उसकी दोस्ती डेटिंग एप टिंडर (Tinder) पर एक लड़की से हुई थी. लड़की ने उसे लक्ष्मी नगर के एक रेस्टोरेंट में बुलाया, जहां बंधक बनाकर सवा लाख का बिल वसूल कर लिया गया.
पीड़ित ने पुलिस को बताया कि लड़की से उसकी बातचीत डेटिंग एप पर हुई थी. 23 जून को लड़की ने कहा कि उसका जन्मदिन है. उसने विकास मार्ग के कैफे ब्लैक मिरर में बुलाया. वहां स्नैक्स और दो केक खाए. लड़की ने अपना नाम वर्षा बताया था. उसने फ्रूट वाइन पी. उसके बाद वह बिना बताए अचानक चली गई और पारिवारिक मुद्दों का हवाला दिया.
वर्षा के जाने के बाद कैफे मैनेजर आया और एक लाख 21 हजार का बिल थमा दिया. पीड़ित ने जब बिल पर आपत्ति जताई तो उसे धमकाया गया, बंधक बनाया गया और जबरदस्ती बिल का भुगतान करा लिया. पीड़ित ने पूरा बिल ऑनलाइन पे किया था.
पीड़ित की शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने ठगी और आपराधिक षडयंत्र की साजिश के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू की. जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि पीड़ित से ऑनलाइन ट्रांसफर कराई गई राशि कैफे के मालिकों में से एक 32 वर्षीय अक्षय पाहवा को ट्रांसफर की गई थी.
पुलिस ने पूछताछ की तो अक्षय पाहवा ने खुलासा किया कि ब्लैक मिरर कैफे के मालिक के अलावा और भी लोग हैं. यह लोग टेबल के हिसाब से मैनेजर रखते हैं. जब लड़की किसी ग्राहक को फंसाकर रेस्टोरेंट में लाती है तो जो भी बिल बढ़ाकर वसूला जाता है, उसके तीन हिस्से होते थे. इसमें से 30 प्रतिशत लड़की ले जाती थी, 30 प्रतिशत मालिक खुद रखता था और 40 प्रतिशत मैनेजर और बाकी स्टाफ लेता था.
जांच में पता चला कि वर्षा का असली नाम अफसान परवीन है. उसने वर्षा नाम से डेटिंग एप पर प्रोफाइल बना रखी थी. वहां लोगों को टारगेट कर फंसाती और रेस्टोरेंट में ले जाकर ठगी की जाती थी. फिलहाल पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस गैंग ने कितने और लोगों को ठगी का शिकार बनाया है.
सिविल सर्विस की तैयारी कर रहे पीड़ित ने शिकायत में कहा कि 23 जून को वह टिंडर एप के जरिए वर्षा नाम की लड़की से मिला था. वर्षा ने ब्लैक मिरर कैफे में बुलाया था. वहां से वर्षा के जाने के बाद 121917.70 रुपये का बिल थमा दिया गया.
पूछताछ में खुलासा हुआ कि ब्लैक मिरर कैफे का मालिक अक्षय पाहवा, अंश ग्रोवर और वंश पाहवा हैं. अक्षय और वंश चचेरे भाई हैं, जबकि अंश उनका दोस्त है. उन्होंने दिगंशु को मैनेजर बना रखा है, जो कई 'टेबल मैनेजर' टीमों की देखरेख करता है. 25 वर्षीय अफसान परवीन उर्फ आयशा उर्फ नूर दिल्ली में रहती है. पुलिस ने उसे एक अन्य कैफे से पकड़ लिया, जहां वह मुंबई के एक लड़के के साथ थी.