नई दिल्ली. देश में कोरोना (Corona ) का संक्रमण तेजी से फैल रहा है. कोरोना की दूसरी लहर (Second Wave) पहले से भी ज्यादा खतरनाक साबित हो रही है. कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए वैज्ञानिकों (Scientist) ने अनुमान लगाया है कि 11 से 15 मई के बीच कोरोना पीक (Corona Peak) पर होगा. वैज्ञानिकों ने गणितीय मॉडल के जरिए कोरोना संक्रमण के बढ़ते केस पर जो अध्ययन किया है, उसके मुताबिक 15 मई के आसपास कोरोना के एक्टिव केस 33 से 35 लाख के करीब पहुंच जाएंगे.
न्यूज़ 18 की रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना संक्रमण को देखते हुए वैज्ञानिकों ने अनुमान लगाया है कि भारत में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या अभी और बढ़ेगी. वैज्ञानिकों ने कहा कि पिछले साल जिस तरह का अनुमान लगाया गया था अगर उसी तरह का ट्रेंड बना रहा तो कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या मई के मध्य तक कोरोना मरीजों की संख्या में तीन गुने का इजाफा दर्ज किया जाएगा. बता दें कि पिछले साल 17 सितंबर को कोरोना पीक पर था, लेकिन इस साल हालात काफी ज्यादा खराब होते दिखाई दे रहे हैं.
कोरोना की अभी तक स्थिति को देखते हुए कहा जा सकता है कि दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और तेलंगाना में 25-30 अप्रैल के दौरान नए मामलों की संख्या चरम पर होगी. इसी तरह 1 से 5 मई के बीच ओडिशा, कर्नाटक और पश्चिम बंगाल जबकि 6-10 मई के दौरान तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में कोरोना पीक पर होगा. महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में कोरोना पहले ही अपने चरम पर है. इसी तरह बिहार में कोरोना 25 अप्रैल के आसपास अपने चरम पर होगा.
वैज्ञानिकों ने बताया कि कोरोना की रफ्तार पर हमारी नजर बनी हुई है. कोरोना का संक्रमण हर दिन बढ़ता जा रहा है. 1-5 मई के दौरान प्रति दिन लगभग 3.3 से 3.5 लाख नए कोरोना संक्रमित दिखाई देंगे जबकि 11-15 मई के बीच यह 33-35 लाख के करीब एक्टिव केस के साथ कोरोना चरम पर होगा.
कोरोना के एक्टिव केस में सबसे आगे निकला भारत
देशभर में कोरोना वायरस से विकराल हालात होते जा रहे हैं. हर दिन कोरोना अपने ही रिकॉर्ड तोड़ रहा है. बुधवार को 24 घंटे में 3 लाख 14 हजार 835 नए संक्रमित मिले. कोरोना महामारी की शुरुआत से लेकर अब तक एक दिन में संक्रमितों की यह संख्या पूरी दुनिया में सर्वोच्च है. इसके पहले विश्व में एक दिन में सर्वाधिक नए संक्रमित मिलने का रिकॉर्ड अमेरिका के पास था. अमेरिका में 8 जनवरी, 2021 को 3 लाख 07 हजार 570 नए संक्रमित मिले थे, लेकिन अब इस मामले में भारत सबसे आगे निकल गया है.