ब्लैक फंगस का खतरा, कोरोना से स्वस्थ हुए डॉक्टर की चली गई आंख की रोशनी
इस जिले से सामने आया पहला मामला
होशंगाबाद। मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीज को ठीक होने के बाद एक नई बीमारी ने चिंता में डाल दिया है. इस बीमारी मध्य प्रदेश के इंदौर और भोपाल में कई केस सामने आये हैं. इस नई नई बीमारी ने लोगों की नींद उड़ा दी है, वो है ब्लैक फंगस बुधवार को इटारसी के एक डॉक्टर की ब्लैक फंगस के संक्रमण से एक आंख की रोशनी चली गई है. ब्लैक फंगस का होशंगाबाद जिले में यह पहला मामला है.
इटारसी के डॉ. प्रताप वर्मा 14 अप्रैल को कोरोना पॉजिटिव हुए थे, उन्हें होशंगाबाद के नर्मदा अपना अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इलाज के बाद डॉ. वर्मा कोरोना से तो ठीक हो गए, लेकिन उनकी आंखों में ब्लैक फंगस आ गया, इन्फेक्शन इतनी तेजी से बढ़ा कि डॉ. वर्मा की एक आंखें की रोशनी चली गई. डॉ. वर्मा की हालत बिगड़ती जा रही है, और उनकी आंखों का इंफेक्शन बढ़ता जा रहा है. पिछले दिनों डॉ. वर्मा की मां को भी कोविड हुआ था, काफी इलाज कराने के बाद भी वह ठीक नहीं हो पाईं और अंत में उनकी मौत हो गई.
होशंगाबाद के नर्मदा अपना अस्पताल के संचालक डॉक्टर राजेश शर्मा ने बताया कि ब्लैक फंगस हमेशा कान और नाक में रहता है. कोरोना पीड़ित की इम्युनिटी कम होने से यह हावी हो रहा है. खासकर डायबिटीज के पेशेंट को अधिक खतरा है. यह नाक से होकर जबड़े और मस्तिष्क में पहुंच रहा है. मरीज को सिर में दर्द या गले में खराश हो तो वह तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें.