सरकार का कड़ा फैसला...प्रदर्शन या आंदोलन के दौरान पहुंचाया संपत्तियों को नुकसान, लगेगा 1 लाख तक का जुर्माना

उत्तर प्रदेश में अब किसी भी प्रदर्शन या आंदोलन के दौरान सरकारी या निजी संपत्ति को नुकसान

Update: 2021-03-02 18:25 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क:  उत्तर प्रदेश में अब किसी भी प्रदर्शन या आंदोलन के दौरान सरकारी या निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाना महंगा साबित होगा. विधानसभा में पास हुए लोक एवं निजी संपत्ति विरूपण निवारण विधेयक-2021 के बाद अब ऐसे लोगों की पहचान होने पर उनसे जुर्माना वसूला जाएगा.

पहचान होने पर लगेगा जुर्माना
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने प्रदर्शन या आंदोलन की आड़ में सरकारी या निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों को सबक सिखाने के लिए कड़ा फैसला लिया है. अब किसी भी आंदोलन, प्रदर्शन, हड़ताल, राजनीतिक जुलूस के दौरान सरकारी और निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने पर जुर्माना देना होगा. इस विधेयक में स्पष्ट किया गया है कि नुकसान पहुंचाने वाले की पहचान होने पर उससे पांच हजार रुपये से लेकर 1 लाख रुपये तक का जुर्माना वसूल किया जाएगा. इसके साथ ही आंदोलन या प्रदर्शन करने वालों पर सख्त कार्रवाई भी होगी.
टारगेट पर होती हैं संपत्तियां
बता दें कि आए दिन होने वाले प्रदर्शन और आंदोलनों में सरकारी या निजी संपत्ति को टारगेट किया जाता है. नाम तो शांति जुलूस या शांति से प्रदर्शन करने का होता है, लेकिन ये प्रदर्शन या आंदोलन कब उग्र हो जाते हैं, पता ही नहीं चलता है. ऐसे में टारगेट बनती है, सरकारी या निजी संपत्ति. यूपी में कई मामलों में इस तरह की आक्रमकता देखने को मिली है, जिनमें बड़े स्तर पर सरकारी और निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया है.
बता दें कि योगी सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून को लेकर प्रदेश में हुई हिंसा को लेकर पहले ये कदम उठाया था. सीएम योगी ने एक चार सदस्यीय कमेटी बनाई थी, जिसने उपद्रव के दौरान हुए नुकसान का आंकलन किया था, जिसके बाद सीएम योगी ने दंगाइयों की पहचान कर उनसे नुकसान वसूलने के निर्देश दिए थे


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