बरेली. उत्तर प्रदेश के बरेली में देश का अब तक का सबसे बड़ा साइबर फ्रॉड का मामला सामने आया है. आरोप है कि साइबर ठगों ने देशवासियों को 3000 करोड़ से अधिक का चूना लगाया है. बरेली की साइबर थाने की पुलिस ने इसका खुलासा करते हुए पश्चिम बंगाल निवासी साइबर ठग मंजरुल इस्लाम को गिरफ्तार किया है.
पुलिस की गिरफ्त में आए मंजरुल इस्लाम के गैंग में एक-दो नहीं, बल्कि सैंकड़ों ठग शामिल हैं, जिन्हें पकड़ने के लिए पुलिस लगातार प्रयास कर रही है. दरअसल जब देश में लोग कोरोना की मार झेल रहे थे उस वक्त कई लोगों की नौकरियां चली गई थी और लोग बेरोजगार थे. तब साइबर ठगों ने इसी बात का फायदा उठाते हुए अमेजन, फ्लिपकार्ट और ई-वॉलेट के नाम पर लोगों को घर बैठे रोजगार देने का धंधा शुरू किया. लोग इनके झांसे में आते गए और अपने अकाउंट की सारी डिटेल भी बड़ी आसानी से देते गए. नतीजा आज सबके सामने है. पुलिस के मुताबिक, अब तक हजारों लोग इस गैंग की ठगी का शिकार हो चुके हैं.
साइबर थाने के इंस्पेक्टर अनिल कुमार ने बताया कि बहेड़ी निवासी एक शिक्षिका ने अक्टूबर 2021 में एफआईआर दर्ज करवाई थी, जिसमें उसने बताया था कि उसके खाते से 2 लाख रुपये से अधिक साइबर ठगों ने उड़ा लिए हैं. पुलिस ने उसके बाद छानबीन शुरू की तो साइबर ठगी के तार चीन से जुड़े मिले. ठगों के इस गैंग में चीन के रियान नामक युवक का भी नाम सामने आया है.
पुलिस ने इस मामले में सबसे पहले एक आरोपी को गिरफ्तार किया, जिसके अकाउंट में एक महीने में 201 करोड़ का ट्रांजैक्शन हुआ था. उसके एकाउंट की डिटेल ली गई तो करीब 2000 से अधिक पेज की डिटेल निकली है. वो आरोपी जयदेव महारष्ट्र की जेल में बंद है. पुलिस ने जब महिला द्वारा दी गई एकाउंट की डिटेल निकलवाई तो पता चला कि इसमें मंजरुल इस्लाम शामिल है, जिसके बाद आरोपी मंजरुल को गिरफ्तार किया गया. पुलिस के मुताबिक, पकड़ा गया आरोपी मंजरुल गुरुग्राम हरियाणा से डोफिन कंसलटेंट सर्विस प्राइवेट लिमिटेड का निदेशक बनकर उसके बिजनेस खाते में साइबर ठगी के पैसों को ट्रांसफर करता था.