शहर में लगा कर्फ्यू, एसआईटी का हुआ गठन, जानें क्या है पूरा माजरा

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Update: 2022-04-03 14:38 GMT

करौली: हिंदू नव वर्ष का जश्न मनाने के लिए निकाली गई मोटरसाइकिल रैली के दौरान हुए पथराव और उसके बाद आगजनी के बाद राजस्थान के करौली में रविवार को कर्फ्यू लगा रहा. मामले में एक दर्जन से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है और साथ ही जांच के लिए एक एसआईटी का गठन किया गया है. पुलिस के अनुसार, शनिवार को मुस्लिम बहुल इलाके से गुजरने वाली रैली में पथराव के बाद आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाएं सामने आईं. हिंसा में कम से कम 35 लोग घायल हो गए. रविवार को इलाके में मोबाइल इंटरनेट बंद रहा और पुलिस ने कहा कि वे सोशल मीडिया पर साझा की गई हिंसा के वीडियो की जांच कर रहे हैं.

करौली में डीआईजी राहुल प्रकाश ने कहा, "करीब 30 लोगों को हिरासत में लिया गया है और उनमें से एक दर्जन को गिरफ्तार किया गया है. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में एक विशेष जांच दल का गठन किया गया है." उन्होंने कहा, 'कर्फ्यू जारी है. कुछ विक्रेताओं को पुलिस की मौजूदगी में सब्जियां और दूध जैसी आवश्यक चीजें बेचने की अनुमति दी जाएगी. फिलहाल घटना में नुकसान और क्षति का आकलन चल रहा है.'
इस हिंसा ने राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस और भाजपा के बीच बयानबाजी शुरू हो गई है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आरोप लगाया कि केंद्र में बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए के सत्ता में आने के बाद देश में धार्मिक ध्रुवीकरण का माहौल बना है और इस तरह की घटनाओं के लिए जिम्मेदार है. उन्होंने कहा "एनडीए सरकार के सत्ता में आने के बाद देश में जो माहौल बना है, मेरा मानना ​​है कि प्रधानमंत्री को खुद देशवासियों से अपील करनी चाहिए कि धर्म और जाति के नाम पर यह ध्रुवीकरण उचित नहीं है और यह देश के हित में नहीं है."
दूसरी ओर, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया,कांग्रेस की "तुष्टीकरण" की राजनीति को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने बताया है कि बीजेपी ने 10 सदस्यीय पैनल का गठन किया जो करौली का दौरा करेगा और सभी पक्षों से बात करेगा. पार्टी के एक प्रवक्ता के अनुसार, उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौर, भाजपा के राष्ट्रीय सचिव अलका सिंह गुर्जर, राज्य महासचिव मदन दिलावर और मुख्य प्रवक्ता और विधायक रामलाल शर्मा समिति के सदस्यों में शामिल हैं.
बता दें कि करौली में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए बीती रात 50 अधिकारियों समेत 600 अतिरिक्त पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था. राहुल प्रकाश सहित चार आईपीएस अधिकारियों को भी जयपुर से स्थिति पर नजर रखने के लिए भेजा गया था.
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