दक्षिण एशियाई देशों के लिए मुद्रास्फीति पर अंकुश लगाना प्राथमिककता: आरबीआई गवर्नर
नई दिल्ली (आईएएनएस)| भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को कहा कि दक्षिण एशियाई देशों के लिए मुद्रास्फीति पर काबू पाना प्रमुख प्राथमिकता वाला क्षेत्र है। उन्होंने कहा कि भारत सहित दक्षिण एशियाई क्षेत्र के लिए मुद्रास्फीति नियंत्रण एक प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि यदि मुद्रास्फीति उच्च रहती है तो विकास और निवेश के लिए जोखिम बढ़ सकता है। आईएमएफ के लचीले विकास के लिए दक्षिण एशिया का मार्ग पर सम्मेलन को संबोधित करते हुए दास ने आगे कहा कि केंद्र और आरबीआई दक्षिण एशियाई देशों के साथ सीमा पार रुपये के व्यापार पर भी चर्चा कर रहे हैं।
गवर्नर ने अपने संबोधन में कहा कि जीवाश्म ईंधन के आयात पर क्षेत्र की निर्भरता ने इसे आयातित मुद्रास्फीति के प्रति संवेदनशील बना दिया है।
मुद्रास्फीति के अलावा दक्षिण एशिया के लिए प्रमुख प्राथमिकता वाले क्षेत्रों को सूचीबद्ध करते हुए उन्होंने कहा कि इन अर्थव्यवस्थाओं को बाहरी कमजोरियों को दूर करने, उत्पादकता बढ़ाने, ऊर्जा सुरक्षा के लिए सहयोग को मजबूत करने, हरित ऊर्जा सहयोग बढ़ाने और पर्यटन को बढ़ावा देने की भी आवश्यकता है।
हालांकि कमोडिटी की कीमतों में नरमी निकट भविष्य में मुद्रास्फीति को कम करने में मदद कर सकती है, दास ने उसी समय आगाह किया कि अगर मुद्रास्फीति उच्च स्तर पर बनी रहती है तो विकास और निवेश के ²ष्टिकोण में जोखिम बढ़ सकता है।
उन्होंने यह भी बताया कि केंद्रीय बैंक की डिजिटल मुद्रा परीक्षण के चरण में है और आरबीआई इस पर सावधानी बरत रहा है।