बनारस के बजड़े के सामने फीके पड़ जाएंगे क्रूज
यह बजड़ा लंबाई में अलकनंदा क्रूज से पांच फीट बड़ा है।
वाराणसी: प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र काशी में पर्यटन ऊंचाईयां हासिल कर रहा है। इसी क्रम में विश्वनाथम डबल डेकर बजड़ा तैयार किया जा रहा है जो कि यहां आने वाले श्रद्धालुओं को दशहरा से बनारस के घाटों की सैर कराएगा। बजड़ा बनाने वालों का दावा है कि वोकल फॉर लोकल की तर्ज पर इसका निर्माण हो रहा है। यह बजड़ा लंबाई में अलकनंदा क्रूज से पांच फीट बड़ा है।
श्रीविश्वनाथम के प्रबंधन से जुड़े अजय साहनी ने बताया कि काशी में कॉरिडोर बनने के बाद यहां पर घाटों में पर्यटकों की भीड़ काफी बढ़ गई हैं। यहां पर बाहरी क्रूज आकर हमें मुंह चिढ़ा रहे थे। उसी कारण हम क्रूज से बड़ा एक बजड़ा तैयार करवा रहे हैं जो कि 110 सीट का होगा और फुल एयर कंडीशन होगा जिसमें यात्रियों को बैठने के बाद स्वदेशीपन का एहसास होगा। उन्होंने बताया कि अलकनंदा क्रूज की लंबाई 75 फीट है जबकि श्रीविश्वनाथम की लंबाई 80 फीट और चौड़ाई 20 फीट है। बजड़ा पूरी तरह से वातानुकूलित है। इसमें दो इंजन लगाए गए हैं। एक इंजन सीएनजी जबकि दूसरा पेट्रोल से चलेगा।
उन्होंने बताया कि यह बनारस के अस्सी घाट पर स्वदेशी तकनीक पिछले तीन माह से तैयार किया जा रहा है। 110 यात्रियों की क्षमता वाले इस बजड़े के निर्माण पर लगभग 80 लाख रुपये खर्च आया है। साहनी ने बताया कि इसका संचालन दो चरणों में होगा। शाम की सैर पांच बजे शुरू होगी। इसका किराया 550 रुपये तय किया गया है। सुबह सुबह-ए-बनारस और गंगा आरती के बाद बजड़े का संचालन होगा। इसका 450 रुपये तय है। इसकी ऑनलाइन सुविधा भी उपलब्ध रहेगी। पर्यटक ऑनलाइन और ऑफलाइन बुकिंग करा सकते हैं। यह नवरात्रि के बाद दशहरा से पर्यटकों के लिए उपलब्ध रहेगा। इसका किराया यहां चलने वाले क्रूज से तकरीबन आधा होगा। इसे बनाने में बहुत एक्सपर्ट मिस्त्री की सहायता ली गई है। जिनकी बनी नावें यहां के घाटो पर चलती हैं।