CRPF अधिकारी की गई नौकरी, यौन शोषण केस में बड़ा एक्शन

सूत्रों ने बताया कि यह कार्रवाई संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की सिफारिश और गृह मंत्रालय (एमएचए) की मंजूरी पर की गई है।

Update: 2024-04-27 05:49 GMT

सांकेतिक तस्वीर

नई दिल्ली: केंद्रीय रिजर्व पुलिस (सीआरपीएफ) ने यौन उत्पीड़न का दोषी पाए जाने के बाद अपने एक डीआईजी रैंक वाले एक सीनियर अफसर को बर्खास्तगी का आदेश जारी किया है। आरोपी सीआरपीएफ अधिकारी अर्जुन पुरस्कार विजेता है। डीआईजी रैंक वाले चीफ स्पोर्ट्स ऑफिसर खजान सिंह पर सीआरपीएफ की महिला कर्मियों का यौन उत्पीड़न करने का आरोप है। सूत्रों ने बताया कि यह कार्रवाई संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की सिफारिश और गृह मंत्रालय (एमएचए) की मंजूरी पर की गई है।
सूत्रों ने कहा कि, पीड़ित महिला सीआरपीएफ कर्मियों के एक ग्रुप द्वारा डीआईजी खजान सिंह पर यौन उत्पीड़न के आरोपों के बाद सीआरपीएफ द्वारा इस मामले की जांच की गई, जिसमें अपराध की पुष्टि हुई। इसके बाद सीआरपीएफ ने यूपीएससी को एक रिपोर्ट सौंपी, जिसके बाद गृह मंत्रालय ने उनकी बर्खास्तगी की सिफारिश की थी।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "सीआरपीएफ ने अधिकारी के आचरण की जांच की, कानूनी प्रक्रियाओं का पालन किया और यूपीएससी को एक रिपोर्ट सौंपी। इसके बाद यूपीएससी ने सेवा से बर्खास्तगी की सलाह दी, गृह मंत्रालय ने इस निर्णय का समर्थन किया। सीआरपीएफ ने तदनुसार बर्खास्तगी नोटिस जारी किया है।''
सीआरपीएफ के चीफ स्पोर्ट्स ऑफिसर का दायित्व संभालने से पहले खजान सिंह ने 1986 के सियोल एशियन गेम्स में देश का प्रतिनिधित्व किया और 200 मीटर बटरफ्लाई स्पर्धा में रजत पदक जीता था। उनकी जीत ने 1951 के बाद से इस प्रतियोगिता में भारत का पहला तैराकी पदक दिलाया था।
वर्तमान में मुंबई में तैनात खजान सिंह ने अभी तक इस पर कोई बयान नहीं दिया है और बर्खास्तगी नोटिस का जवाब देने के लिए उन्हें 15 दिन का समय दिया गया है। उन पर दो आरोप हैं, जिनमें से एक मामले में बर्खास्तगी की कार्यवाही शुरू की गई है। दूसरे मामले की जांच जारी है। उन्होंने पहले आरोपों को 'बिल्कुल गलत' बताते हुए खारिज कर दिया था और दावा किया था कि इनका उद्देश्य उनकी प्रतिष्ठा को धूमिल करना था।
लगभग 3.25 लाख कर्मियों वाले सीआरपीएफ ने शुरुआत में 1986 में महिलाओं को कॉम्बैट रैंकों में शामिल किया था। अब इसमें छह महिला बटालियन शामिल हैं, जिनमें कुल 8,000 कर्मी हैं। इसके अतिरिक्त, महिलाएं बल के भीतर खेल और विभिन्न प्रशासनिक क्षमताओं में काम करती हैं।
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