चारधाम यात्रा के लिए श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा, 26 लाख से ज्यादा ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन

चारधाम यात्रा

Update: 2024-05-16 01:08 GMT
देहरादून: उत्तराखंड में चारधाम यात्रा के लिए श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ पड़ा है, इसके चलते व्यवस्थाएं चरमरा गई हैं. 14 मई तक चारधाम यात्रा के लिए ऑनलाइन 26 लाख 73 हजार 519 रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं. गंगोत्री में 4 लाख 21 हजार 366, यमुनोत्री में 4 लाख 78 हजार 576, श्री बद्रीनाथ धाम में 9 लाख सात हजार 60 और केदारनाथ धाम में 8 लाख 13 हजार 558 रजिस्ट्रेशन हुए हैं, जबकि हेमकुंड साहिब के लिए 59,312 रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं. उधर, हरिद्वार और ऋषिकेश में 8 से 14 मई तक 1,42,641 रजिस्ट्रेशन ऑफलाइन हुए हैं. यमुनोत्री में 59,158, गंगोत्री में 51,378, केदारनाथ में 1,26,306 और बद्रीनाथ धाम में 39,574 श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं.
चारधाम यात्रा में हुईं 11 मौतों को लेकर गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडेय ने पहले कहा कि 11 लोगों की जान गई है, इसके ठीक बाद उन्होंने कहा कि पता करके बताऊंगा. उन्होंने कहा कि लोग अपनी बीमारी और मेडिकल हिस्ट्री को छुपा रहे हैं. डॉक्टरों द्वारा यात्रा न करने की सलाह को नहीं मान रहे हैं. उन्होंने कहा कि सुगम और सुरक्षित यात्रा के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं. यात्रियों की स्वास्थ्य जांच के लिए ऋषिकेश में स्क्रीनिंग के इंतजाम के साथ ही मेडिकल हिस्ट्री पूछी जा रही है.
कमिश्नर विनय शंकर पांडेय ने कहा कि पहले दिन, पिछले वर्ष की तुलना में कहीं अधिक संख्या में श्रद्धालु पहुंचे, जिसकी वजह से स्थिति बिगड़ी. उन्होंने कहा कि केदारनाथ धाम के लिए 18 हजार प्रतिदिन और यमुनोत्री में 8 हजार श्रद्धालु प्रतिदिन के हिसाब से पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध हैं. यह देवभूमि उत्तराखंड का सौभाग्य है कि इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालु आ रहे हैं. ऐसे में कुछ चुनौतियां भी होती हैं, जिसके लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि यमुनोत्री धाम में 5 किमी का रास्ता बेहद संकरा है और यहां एक समय में सीमित संख्या में ही लोग आवागमन कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि गत वर्ष जब कपाट खुले थे, तो कुल 6,838 श्रद्धालु आए थे, जबकि इस वर्ष कपाट खुलने वाले दिन 12,193 यात्री आए.
केदारनाथ धाम में गत वर्ष कपाट खुलने पर 18,335 तो इस वर्ष लगभग 29 हजार श्रद्धालु मौजूद रहे. उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष की तुलना में कहीं ज्यादा श्रद्धालु पहुंच रहे हैं, जिस कारण कुछ परेशानियां हो रही हैं, लेकिन इन्हें दूर करने के लिए पर्याप्त कदम उठाए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि यमुनोत्री धाम के जानकी चट्टी में कुल 15,455 श्रद्धालु थे, जिनमें से 15 मई की सुबह 10 बजे तक 4 हजार दर्शन कर चुके थे. गंगोत्री में 3902, केदारनाथ में सुबह 10 बजे तक 8194 और बद्रीनाथ में 4518 लोगों ने दर्शन किए.
गढ़वाल मंडल आयुक्त ने कहा कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा और उनको सुरक्षित वापस पहुंचाना राज्य सरकार की शीर्ष प्राथमिकता में शामिल है. उन्होंने बताया कि यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर कुछ यात्रियों को यमुनोत्री और गंगोत्री मार्ग पर ठहराया जा रहा है. सूखी टॉप से लौटते समय और गंगनानी से आगे गेट सिस्टम लागू किया गया है. यहां सिंगल रोड है, इसलिए ठहराव की व्यवस्था की गई है. जिला प्रशासन की ओर से वीडियोज भी शेयर किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि यात्रियों की सुरक्षा महत्वपूर्ण है और हम अपनी ओर से सर्वश्रेष्ठ सुविधाएं देने का प्रयास कर रहे हैं.
सचिवालय में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में एक बैठक हुई, जिसमें यह तथ्य सामने आया कि ऑफलाइन पंजीकरण में जिन लोगों ने उदाहरण के तौर पर 20, 21, 22 मई के लिए पंजीकरण कराया था, उनके द्वारा भी पहले ही यात्रा कर ली जा रही है. इस कारण भी श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि हो रही है.
मुख्य सचिव ने निर्देश दिए हैं कि स्थानीय स्तर पर आरटीओ और जिला प्रशासन की टीमें सख्ती से चेकिंग करें. इस बात का भी पूरा ख्याल रखा जाए कि चेकिंग के चलते यातायात व्यवस्था बाधित न हो. अगर कोई टूर ऑपरेटर पंजीकरण वाले दिन से इतर यात्रियों को ले जाते हुए मिलता है तो यात्रियों को होल्ड करने के साथ ही वाहनों के परमिट भी सस्पेंड किए जाएंगे. साथ ही एक एडवाइजरी अन्य राज्यों को भी जारी करने के लिए कहा जा रहा है कि वह लोगों से अपील करें कि रजिस्ट्रेशन के बाद यात्रा करें.
मुख्य सचिव ने बताया कि जिला प्रशासन पौड़ी और टिहरी को भी यात्रा रूट पर होल्डिंग एरियाज को चिह्नित करने के निर्देश दिए गए हैं. जहां वाहनों की पार्किंग की भी पर्याप्त व्यवस्था हो और श्रद्धालुओं को भोजन, पानी उपलब्ध कराया जाए. जो श्रद्धालु बाजार आदि जाना चाहता है, उन्हें इसकी अनुमति दी जाए. उन्होंने कहा कि लोग बिना रजिस्ट्रेशन के यात्रा न करें.
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