ओणम पर पूजा करने पझावंगाडी श्री महा गणपति मंदिर में उमड़ी भीड़

Update: 2023-08-29 02:13 GMT

केरल। श्रद्धालु ओणम पर पूजा करने के लिए तिरुवनंतपुरम के पझावंगाडी श्री महा गणपति मंदिर पहुंचे है। इस पर्व से ही मलयाली लोगों का न्यू ईयर भी शुरू हो जाता है। मुख्य रूप से ये पर्व फसल की अच्छी उपज के लिए मनाया जाता है और माना जाता है कि आज के दिन राजा महाबलि अपनी प्रजा को आशीष देने के लिए पाताल लोक से आते हैं इसलिए केरलवासी इस पर्व पर अपने घरों को खूब सजाते हैं और खुद भी नए कपड़े पहनते हैं और खूब पकवान बनाते हैं, कुल मिलाकर ओणम एक तरह से उत्सव वाला पर्व है।

कथा

केरल में एक महाप्रतापी और जनता को प्रेम करने वाले राजा थे महाबलि, जो कि बहुत दानवीर थे। उनकी लोकप्रियता दूर-दूर तक थी। उनके वैभव और दयालु हृदय की लोग काफी वर्णन करते थे, जिसकी वजह सो दूसरे राजा बहुत जला करते थे। एक बार राजा इंद्र ने भगवान विष्णु से कहा कि वो महाबलि की परीक्षा लें, भगवान विष्णु मान गये और उन्होंने ब्राह्मण वेश धारण करके महाबलि के पास पहुंचकर तीन पग जमीन की मांग की। महाबलि ने तुरंत हां कर दिया।

विष्णु ने विराट रूप धारण करके वामन रूप धरा

लेकिन इसके बाद और उसके बाद विष्णु ने विराट रूप धारण करके वामन रूप धरा, तीन पग नापें, पहले पग में भू-लोक तथा दूसरे पग में स्वर्ग-लोक नाप लिया। तीसरे पग के लिए भूमि कम पड़ गई। इस पर महबलि के पास कोई चारा नहीं बचा।


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