CRIME BREAKING: बालक की किडनैपिंग मामलें में 2 किडनैपर गिरफ्तार

पुलिस ने किया बड़ा खुलासा

Update: 2024-08-21 15:14 GMT
Jaipur. जयपुर। सांगानेर सदर थाना पुलिस ने 12 वर्षीय बालक के अपहरण मामले में दो बदमाशों को गिरफ्तार कर बालक को बांसखों से मुक्त करवा लिया। पुलिस ने वारदात के समय काम में लिया गया वाहन भी बरामद कर लिया। पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी सचिन मीणा शिवदासपुरा और अशोक मीणा मलारना डूंगर सवाईमाधोपुर का रहने वाला है। कार सवार बदमाश फतेहपुरा निवासी अज्जू उर्फ दिलखुश मीणा (12) का अपहरण कर ले गए।

पुलिस ने वाहन के रुट की जांच करते हुए टोंक और दौसा में नाकाबंदी करवाई। परिजनों के शक के आधार पर संदिग्धों से पूछताछ की। इस पर पीड़ित परिवार का परिचित बडी का वास टोंक रोड निवासी सचिन मीणा पर शक हुआ। पीड़ित परिवार ने सचिन को चेन्नई होना बताया। थाना प्रभारी पूनम चौधरी ने बताया कि आरोपी सचिन पीड़ित परिवार से लगातार फोन पर सम्पर्क कर किडनेपिंग की घटना के बारे में अपडेट प्राप्त कर रहा था। नाकाबंदी चैकिंग के दौरान सचिन की आगरा रोड दौसा की तरफ जाने की जानकारी मिली। इस पर बस्सी थाना पुलिस ने बांसखों में
नाकाबंदी
के दौरान आरोपी सचिन मीणा और उसके साथी अशोक मीणा से पूछताछ की तो उन्होंने वारदात करना स्वीकार कर लिया।

सचिन ने दिलखुश को बांसखों में किराए के कमरे के अंदर से दस्तयबा किया। बालक के हाथ पैर बांध रखे थे, मुंह पर टेप और आंखों पर भी टेप चिपकाया हुआ था। अंधेरे कमरे में तालाबंद कर रखा था। अगर थोड़ी से भी देर हो जाती तो सांस कम होने से दिलखुश की मौत हो सकती थी। आरोपी सचिन परिचित होने की वजह से घर के सभी लोगों को जानता था। दिलखुश के पिता रेलवे में नौकरी करते है। सचिन बेरोजगार है और अपने मौज शौक पूरा करने के लिए मौज मस्ती में पैसा खर्च करता है। जिसकी वजह से उस पर कर्जा हो गया। कर्जा उतारने और मौज मस्ती के लिए पैसे के लिए दिलखुश का अपहरण करने का प्लान बनाया तथा फिरौती में अच्छी रकम मिल सके। पिता रामलाल मीणा के सात लड़कियों के बाद दिलखुश हुआ था।
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