फर्जी केस दर्ज कराकर रंगदारी मांगने वाले गिरोह पर कसा शिकंजा, महिला और सरगना पकड़ाए
आरोपी हाईकोर्ट जमानत के लिए जाने वाले थे, इसके पहले ही पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
गोरखपुर: नर्सिंग होम में साझेदारी का वादा करके दवा व्यापारियों तक से लाखों की ठगी करने और रुपये मांगने पर दुष्कर्म का केस दर्ज कराकर रंगदारी मांगने वाले गिरोह के सरगना विकास सिन्हा और उसकी महिला साथी रेखा सिंह को गोरखपुर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। 25 अप्रैल को गैंगस्टर का केस दर्ज होने के बाद सभी आरोपी फरार हैं। मंगलवार को पकड़े गए दोनों आरोपी हाईकोर्ट जमानत के लिए जाने वाले थे, इसके पहले ही पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। चिलुआताल पुलिस ने दोनों आरोपियों को मंगलवार को कोर्ट में पेश किया, जहां से जेल भेजा गया। वहीं, इनके फरार साथियों की तलाश में पुलिस टीम लगी है।
उधर, खुद जमानत पर बाहर आने के बाद जिन लोगों ने इन दोनों की जमानत ली थी, वह भी अपनी जमानत वापस लेने की अर्जी दे चुके हैं, जिस पर बुधवार को कोर्ट में तारीख पड़ी है। पुलिस की कोशिश है कि उस मामले में भी जमानत निरस्त कराकर रिमांड बनवाया जाए। जानकारी के मुताबिक, बिहार के पूर्वी चंपारण के वार्ड नंबर 28 निवासी सरगना विकास पादीबाजार में रहता है। गैंगस्टर केस में देवरिया जिले के रामपुर कारखाना क्षेत्र के महादेव बाजार निवासी गीता सिंह, उसकी बेटी रेखा सिंह, भलुवनी की हेमवंती पटेल और मोतिहारी बिहार के राकेश कुमार सिन्हा को सदस्य बनाया गया है। गैंगस्टर का केस दर्ज करने के बाद से ही पुलिस आरोपियों की तलाश में जुटी है। इसी बीच पुलिस को जानकारी मिली की सरगना विकास सिन्हा अपनी महिला साथी रेखा सिंह के साथ हाईकोर्ट जाने के फिराक में है। पुलिस ने दोनों आरोपियों को सटीक सूचना के आधार पर रेलवे स्टेशन के पास से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस के मुताबिक, गिरोह ने ठगी के शिकार लोगों को न सिर्फ घुड़की दी, बल्कि एक व्यापारी को दो बार जेल भी भिजवा दिया। सरगना विकास पहले महिला की मदद से केस दर्ज कराता था और बाद में उसे खत्म कराने के नाम पर भी रंगदारी वसूलता था।
दरअसल, विकास कुमार सिन्हा पादरी बाजार स्थित एक नर्सिंग होम में प्रबंधक था। इसी के जरिए वह दवा के कारोबार में भी घुस गया। इस दौरान उसकी जान-पहचान कई व्यापारियों से हो गई। उसने व्यापारी संजय अग्रवाल से छह लाख रुपये व एक एसी, प्रवीन प्रकाश से आठ लाख रुपये व एसी, अमित सिंह से पांच लाख रुपये, अमृत से 22 लाख रुपये, संजीव पांडेय से छह लाख, आलोक श्रीवास्तव से छह लाख, इम्तियाज से दस लाख रुपये की ठगी की। पुलिस के मुताबिक, उसने कई अन्य लोगों को हॉस्पिटल में शेयर देने का वादा किया। सरगना विकास, प्रबंधक से होटल मालिक बनना चाहता था, इसके लिए उसने ठगी का जाल बिछाया। करीब एक करोड़ से अधिक की ठगी करने के बाद उसने एक अस्पताल भी खोला, लेकिन वह संचालित नहीं हो सका। बकाया रकम मांगने पर ही दुष्कर्म का केस दर्ज कराया जाता था।
एसएसपी डॉ.गौरव ग्रोवर ने कहा कि फर्जी केस दर्ज कराकर रंगदारी मांगने वाले गिरोह के पांच आरोपियों पर गैंगस्टर का केस दर्ज किया गया है। सरगना विकास सिन्हा और रेखा सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। जमानदारों ने भी जमानत वापस लेने की कोर्ट में अर्जी दी है, जिस पर बुधवार को सुनवाई होनी है। फरार साथियों के गिरफ्तारी के साथ ही आरोपियों के अवैध कमाई से अर्जित संपत्तियों का ब्योरा भी जुटाया जा रहा है। उसे गैंगस्टर एक्ट के तहत जब्त किया जाएगा।