पत्रकार पर कसा शिकंजा, जमीन पर कब्जे की कोशिश, जबरदस्त हंगामा हुआ तो कई थानों की पुलिस पहुंची

तत्काल सख्त कार्रवाई.

Update: 2024-07-29 03:25 GMT

सांकेतिक तस्वीर

कानपुर: कानपुर सिविल लाइंस में नजूल की अरबों रुपये की जमीन पर रविवार को कब्जे की कोशिश के बाद देर रात जबरदस्त हंगामा हुआ। पुलिस ने 33 लोगों पर ताबड़तोड़ दो एफआईआर दर्ज कर रात में ही दो लोगों को हिरासत में ले लिया तो बवाल बढ़ गया। कोतवाली में भारी भीड़ जुट गई और उन्हें छोड़ने की मांग करने लगी। उधर, पुलिस ने भी मोर्चा संभाल लिया है। देर रात कोतवाली में 20 थानों की पुलिस, रिजर्व फोर्स और पीएसी बुला ली गई। खबर लिखे जाने तक इलाके की बिजली गुल रही और फोर्स व भीड़ का जमावड़ा कोतवाली के सामने लगा रहा।
सिविल लाइंस में हडर्ड चौराहे के पास एक विवादित जमीन की कीमत एक हजार करोड़ बताई जा रही है, जो कभी ईसाई संस्था को लीज पर दी गई थी। प्रशासन के मुताबिक लीज खत्म हो चुकी है और अब यह नजूल की जमीन है। लेखपाल द्वारा दर्ज कराई गई रिपोर्ट के मुताबिक इस जमीन पर कब्जा करने के लिए एक चैनल के संवाददाता के साथ 33 लोग पहुंचे। उन्होंने कमरों में ताले लगा कर कब्जा करने की कोशिश की। पहले से काबिज लोगों को हटाने पर विवाद होने लगा। इस दौरान पुलिस भी पहुंची लेकिन कब्जा करने पहुंचे लोग नहीं रुके। बात डीएम तक पहुंची। उन्होंने एसडीएम को कार्रवाई का निर्देश दिया। अंतत: लेखपाल ने वादी बन अवनीश दीक्षित समेत 33 के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करा दी। दूसरी रिपोर्ट संपत्ति पर पहले से काबिज पक्ष की ओर से भी दर्ज कर दी गई। देर रात संवाददाता को गिरफ्तार कर लिया गया।
कब्जा मामले में दूसरी रिपोर्ट सैमुएल गुरुदेव सिंह ने दर्ज कराई है डकैती समेत 10 धाराएं तामील की गई हैं। 191(2), 127(2), 324(4), 310(2), 61(2) आदि शामिल हैं। आरोप है कि कब्जा करने पहुंचे लोगों ने तोड़फोड की। धमकी दी और वसूली की कोशिश की। डीसीपी ईस्ट श्रवण कुमार सिंह ने बताया कि इस रिपोर्ट को भी दर्ज कर जांच की जा रही है।
कोतवाली थाने में हंगामे के दौरान महापौर प्रमिला पाण्डेय भी पहुंचीं। उन्होंने हिरासत में लिए गए लोगों के बारे में जानकारी ली और कोतवाली के अंदर चली गईं। वहां पुलिस से उनकी नोकझोंक भी हुई। एक पुलिस अधिकारी के मुताबिक कुछ देर बाद महापौर के फोन पर एक कॉल आई। इसके कुछ देर बाद ही वह कोतवाली से चली गईं।
सूत्रों के मुताबिक सुबह शुरू हुआ कब्जे का विवाद दोपहर में ही शासन तक पहुंचा। एक चर्चा यह रही कि मामला ईसाई मिशनरी संगठन का होने से सूचना पहले दूतावास स्तर पर पहुंची, वहां से सीधे उप्र सरकार को भेजी गई। दूसरी चर्चा पुलिस व प्रशासन के जरिए गृह विभाग तक सूचना की फैली। शासन ने पुलिस के फीडबैक के आधार पर तत्काल सख्त कार्रवाई को कहा।
एडीशनल सीपी हरीश चन्‍दर ने बताया कि मामले में दो एफआईआर दर्ज की गई हैं। दोनों की विवेचना इंस्पेक्टर कोतवाली को सौंपी गई है। विवादित जमीन पर कब्जे की कोशिश की गई है। यह मामला पहले से कोर्ट में बताया गया है। जरूरत पड़ने पर कोर्ट को भी इससे अवगत कराया जाएगा।
लेखपाल विपिन कुमार की रिपोर्ट के मुताबिक उसके क्षेत्र में नजूल भूखण्डों (ब्लाक-15, भूखण्ड संख्या-69, 69ए 69बी) पर रविवार को सुबह 10:15 के आसपास, हरेन्द्र मसीह, राहुल वर्मा, मौरिस एरियल, कमला एरियल, अभिषेक एरियल व अर्पण एरियल के उकसाने पर अवनीश दीक्षित, जीतेश झा, मोहित बाजपेयी, सन्दीप, विक्की चार्ल्स, अब्बास, जितेन्द्र व 20 अन्य व्यक्तियों ने बलपूर्वक कब्जा करने का प्रयास किया। डीसीपी श्रवण कुमार सिंह ने बताया अवनीश दीक्षित व साथियों ने गेटमैन को बंधक बनाया। कैमरों के डीवीआर निकाल ले गए। विरोध पर धमकी दी। दूसरे गुट की महिला से बदसलूकी भी की गई।
डीसीपी ईस्ट ने बताया कि जमीन सन 1910 में वूमंस यूनियन मिशनरी को 99 साल के पट्टे पर दी गई थी। फिर यह यूनाइटेड फॉलोशिप ऑफ क्रिश्चियन सर्विस को लीज पर दी गई। एक गुट इमेनुअल दूसरा सैमुअल का है, जिनके बीच जमीन कब्जेदारी को लेकर विवाद है। इसी में झांसी का हरेंदर मसीह भी शामिल है। जिसने जमीन की पावर ऑफ एटर्नी अवनीश दीक्षित के नाम लिख दी। अवनीश ने इसका केयरटेकर जीतेश झा को बना दिया। उसी की आड़ में अवनीश दीक्षित समेत अन्य लोग कब्जा करने पहुंचे थे।
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