नई दिल्ली (आईएएनएस)| भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) ने जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) हुई घटना को आरएसएस-एबीवीपी की बर्बरता करार देते हुए गहन जांच की मांग की है।
छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती के मौके पर एबीवीपी और वामंपथी के कार्यकर्ताओं के बीच हुई झड़प को लेकर सीपीआई ने मंगलवार को बयान जारी कर कहा, आरएसएस-एबीवीपी के द्वारा की गई बर्बरता में पेरियार, भगत सिंह, बाबा साहेब अम्बेडकर, कार्ल मार्क्स, ज्योतिबा और सावित्रीबाई फुले जैसे महान नेताओं के चित्रों को खंडित करने की कड़ी निंदा करता है।
पार्टी ने कहा कि यह पहली बार नहीं है कि आरएसएस-एबीवीपी के सदस्य जेएनयू में वामपंथी और प्रगतिशील छात्रों पर उनकी विचारधारा से अलग होने के लिए हमला कर रहे हैं। आरएसएस-एबीवीपी परिसर के अंदर सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने की कोशिश पहले भी कर चुके हैं। पार्टी छात्र संघ कार्यालय में तोड़फोड़ और छात्र समुदाय पर हिंसा की निंदा करती है।
पार्टी विश्वविद्यालय प्रशासन की निष्क्रियता और दिल्ली पुलिस के काम करने के तरीके पर सवाल उठाती है क्योंकि यह पहली घटना नहीं है और ऐसा होता रहता है। पार्टी घटना की गहन जांच और दोषियों को दंडित करने की मांग करती है।
इससे पहले तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने भी अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा था, विश्वविद्यालय केवल सीखने के लिए ही नहीं बल्कि चर्चा और बहस के लिए भी स्थान हैं। एबीवीपी द्वारा तमिल छात्रों पर कायराना हमला और जेएनयू में पेरियार, कार्ल मार्क्स जैसे नेताओं के चित्रों को तोड़ना निंदनीय है मैं विश्वविद्यालय प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग करता हूं।