जल्द ही बाज़ार में मिलेंगे Covishield और Covaxin के टीके, एक्सपर्ट कमेटी ने की मंजूरी देने की सिफारिश

Update: 2022-01-20 01:02 GMT
दिल्ली। देश के केंद्रीय औषधि प्राधिकरण की एक विशेषज्ञ समिति ने बुधवार को कोविड रोधी टीकों (Coronavirus Vaccine)- कोविशील्ड (Covishield) और कोवैक्सीन (Covaxin) को कुछ शर्तों के साथ नियमित विपणन मंजूरी प्रदान करने की अनुशंसा की. आधिकारिक सूत्रों ने ये जानकारी दी. अभी देश में इन टीकों के आपात इस्तेमाल की मंजूरी है. फार्मा कंपनियों-सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (SII) और भारत बायोटेक (Bharat Biotech) ने भारत के औषधि महानियंत्रक (DCGI) को अपने कोविड रोधी टीकों- क्रमश: कोविशील्ड और कोवैक्सीन के लिए नियमित विपणन मंजूरी की मांग करते हुए आवेदन जमा किए थे.

एसआईआई के निदेशक (सरकारी और नियामक मामले) प्रकाश कुमार सिंह ने इस मामले में 25 अक्टूबर को डीसीजीआई को एक आवेदन दिया था. इस पर डीसीजीआई ने पुणे स्थित कंपनी से अधिक डेटा और दस्तावेज मांगे थे, जिसके बाद सिंह ने हाल ही में अधिक डेटा और जानकारी के साथ एक जवाब प्रस्तुत किया था. माना जाता है कि सिंह ने अपने जवाब में कहा कि भारत में चरण 2/3 चिकित्सीय ​​अध्ययन के सफलता से पूरा होने के साथ ही अब तक इस देश और दुनियाभर में लोगों को कोविशील्ड टीके की 100 करोड़ से अधिक खुराक दी जा चुकी हैं. उन्होंने कहा था, "कोविशील्ड के साथ इतने बड़े पैमाने पर टीकाकरण और कोविड-19 की रोकथाम अपने आप में टीके की सुरक्षा और प्रभावशीलता का प्रमाण है." वहीं, कुछ हफ़्ते पहले डीसीजीआई को भेजे गए एक आवेदन में हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक के पूर्णकालिक निदेशक वी कृष्ण मोहन ने कोवैक्सीन के लिए नियमित विपणन मंजूरी की मांग करते हुए टीके से संबंधित समूची जानकारी उपलब्ध कराई थी. मोहन ने आवेदन में कहा था कि भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड (बीबीआईएल) ने भारत में टीके (कोवैक्सीन) के विकास, उत्पादन और चिकित्सीय मूल्यांकन करने की चुनौती ली.

आधिकारिक सूत्र ने कहा, "केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की कोविड​​​​-19 संबंधी विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) ने बुधवार को दूसरी बार एसआईआई और भारत बायोटेक के आवेदनों की समीक्षा की और कुछ शर्तों के साथ कोविशील्ड एवं कोवैक्सीन को नियमित विपणन की मंजूरी देने की सिफारिश की." अनुशंसा को अंतिम मंजूरी के लिए डीसीजीआई को भेजा जाएगा. पिछले हफ्ते की बैठक के दौरान एसईसी ने दोनों कंपनियों से अधिक डेटा और जानकारी मांगी थी.

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