खुदकुशी मामले में कोर्ट का फैसला, आयुर्वेद छात्रा के पति को सुनाई 10 साल की सजा
केरल। केरल (Kerala) में एक आयुर्वेद की छात्रा की खुदकुशी के मामले में कोर्ट ने मंगलवार को सजा का ऐलान किया है. कोर्ट ने मामले में 23 साल की छात्रा के पति (Husband) को दोषी पाते हुए 10 साल की सजा सुनाई है. कोर्ट ने छात्रा के पति ए किरण कुमार को दहेज (Dowry Case) के लिए उसका शोषण करने और उसे आत्महत्या के लिए उकसाने का दोषी पाया है. विस्मया ने पिछले साल जून में अपने ससुराल में फंदे से लटककर आत्महत्या (Suicide) कर ली थी. दहेज प्रताड़ना के कारण आत्महत्या करने वाली केरल की छात्रा का नाम विस्माया था. कोर्ट ने उसके पति ए किरण कुमार को दहेज लेने के अपराध में दहेज निषेध अधिनियम के तहत छह साल और दहेज की मांग करने पर एक साल की सजा भी सजा सुनाई गई है. सजा सुनाए जाने के बाद एसपीपी ने कहा कि अदालत ने कहा कि सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी.
विशेष लोक अभियोजक (एसपीपी) जी मोहनराज ने इस मामले की जानकारी देते हुए बताया कि अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश-प्रथम सुजीत केएन ने दोषी एस किरण कुमार को आत्महत्या के लिए उकसाने और दहेज प्रताड़ना के मामले में भी आईपीसी की संबंधित धाराओं के तहत क्रमश: 6 साल और 2 साल कैद की सजा सुनाई है.
एस किरण कुमार पर कोर्ट की ओर से मामले में सुनवाई करते हुए 12,55,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. कोर्ट की ओर से इन रुपयों में से 2 लाख रुपये पीड़िता के माता-पिता को भुगतान करने का निर्देश दिया गया है. वहीं सुनवाई के दौरान एस किरण कुमार के वकील ने यह दलील देते हुए राहत मांगी कि वह परिवार को एकलौता कमाने वाला है. वकील की ओर से इस दौरान माता-पिता की उम्र को भी दलील में आधार बनाया गया.
वहीं दहेज उत्पीड़न के कारण आत्महत्या करने वाली आयुर्वेद की छात्रा विस्माया की मां ने कोर्ट के इस फैसले पर नाखुशी जताई है. उन्होंने कहा है कि उनकी ओर से एस किरण कुमार को उम्रकैद मिलने की उम्मीद जताई गई थी. उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि उनकी बेटी को न्याय मिला है. दूसरी ओर छात्रा के पिता ने कहा है कि वह कोर्ट के आदेश से संतुष्ट हैं और उनकी बेटी को भी न्याय मिला है. वहीं माता-पिता का यह भी कहना है कि उनकी बेटी ने सुसाइड से पहले उन्हें अपनी तस्वीरें भेजी थीं, जिनमें उनके शरीर पर पति की ओर से पीटे जाने के बाद चोटों के निशान दिख रहे थे.