ट्रांसपोर्टर की पत्नी और साले को कोर्ट ने सुनाई उम्रकैद की सजा, हत्या कर दफन किया था शव
कोर्ट का फैंसला
कानपुर। संपत्ति के लालच में ट्रांसपोर्टर पति की जहर देकर हत्या करने वाली पत्नी और साले को जिला जज की कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। दोनों ने वारदात के बाद जौनपुर जाकर पति का शव दफना दिया था। कब्र से शव निकालकर पोस्टमार्टम में विसरे की फॉरेंसिक जांच हुई। उसको काफी समय तक सुरक्षित रखा गया। फिर जांच रिपोर्ट में जहर देकर मारने की पुष्टि हुई। इसी आधार उन्हें सजा मिली। अदालत ने दोनों पर 35-35 हजार का अर्थदंड लगाया है। जुर्माना न देने पर छह महीने की अतिरिक्त सजा काटनी होगी। आरोपी साला जीजा के साथ ही ट्रांसपोर्ट कंपनी में काम करता था।
डीजीसी क्रिमिनल दिलीप अवस्थी और अपर जिला शासकीय अधिवक्ता ओंकार नाथ वर्मा ने बताया कि जौनपुर कोतवाली निवासी सैय्यद सरदार हुसैन ने नौबस्ता थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। उनके मुताबिक 20 जून 2015 को उनके न्यू सरदार ट्रांसपोर्ट के मालिक बेटे सैय्यद जफर अब्बास उर्फ आबिद हुसैन को उसकी पत्नी प्रयागराज के करेली निवासी नफीस फातिमा उर्फ शमा और साले फराज ने मछरिया में जहर देकर मार दिया है। साला बेटे के साथ ट्रांसपोर्ट का काम ही करता था।
आनन-फानन में ससुरालियों ने शव को जौनपुर के सदर इमामबाड़े में दफना भी दिया। मामले में नौबस्ता पुलिस ने पत्नी और साले के खिलाफ चार्जशीट भेजी। कोर्ट के समक्ष मृतक ट्रांसपोर्टर के भाई आरिफ अब्बास और मोहम्मद अब्बास समेत 15 लोगों ने गवाही दी। इसमें संपत्ति की लालच में आए दिन लड़ाई झगड़ा करने की बात भी सामने आई। नौबस्ता पुलिस ने जौनपुर जाकर शव को कब्र से निकाला। फिर उसका पोस्टमार्टम कराया। रिपोर्ट में जहर की पुष्टि भी हो गई। कोर्ट ने सबूतों और गवाह के आधार पर सजा सुनाई। हत्यारे भाई-बहन पर जुर्माना भी लगाया।