कोर्ट ने दिया बड़ा संदेश, मिलावटी दूध बेचने वाले को उम्रकैद की सजा मिली

मिलावटी दूध बेचने के मामले में 23 साल बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है.

Update: 2022-04-09 05:09 GMT

महाराजगंज: उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जिले में मिलावटी दूध बेचने के मामले में 23 साल बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है. कोर्ट ने आरोपी ग्वाले को आजीवन कारावास और 20 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है. यह फैसला अपर सत्र न्यायाधीश रेखा सिंह की अदालत ने दिया है.

सहायक शासकीय अधिवक्ता सर्वेश्वर मणि त्रिपाठी ने बताया कि मामला 17 मई 1999 का है. यहां ऑफिसर गेट कॉलोनी के पास से तत्कालीन खाद्य निरीक्षक एमएल गुप्ता ने तीन ग्वालों से दूध का नमूना लिया था. दूध में मिलावट पाए जाने पर इस मामले में चौक थाना क्षेत्र के खजुरिया निवासी रामसजन के विरुद्ध मुकदमा दर्ज हुआ था.
मुकदमा दर्ज होने के बाद आरोप पत्र न्यायालय पहुंचा, जहां 23 वर्षों से मामला विचाराधीन चल रहा था. शुक्रवार को सुनवाई के दौरान सरकारी वकील द्वारा साक्ष्यों के साथ चार गवाहों की गवाही कराई गई. फिर कोर्ट ने आरोपी ग्वाले को आजीवन कारावास की सजा के साथ 20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया.
वहीं, शाहजहांपुर में साल 1997 में जहरीले आटे से बनी रोटी खाने से 14 लोगों की मौत हो गई थी. इस मामले में कोर्ट ने 2 लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई. इन पर 60-60 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया. अदालत का यह फैसला 25 साल बाद आया. अपर सत्र न्यायालय द्वितीय ने फैसला सुनाते हुए दुकानदार सत्यनारायण अग्रवाल और राकेश कुमार को दोषी माना. कोर्ट ने सजा सुनाते हुए दोनों को उम्रकैद की सजा सुनाई.
दरअसल, साल 1997 में रोजा थाना क्षेत्र में ईंट भट्टे पर काम करने वाले मजदूरों और आसपास के लोगों ने दो दुकानों से आटा खरीदा था. उसी आटे से रोटियां बनाकर खाने के बाद सभी के पेट में अचानक दर्द होने लगा. इसक बाद सभी को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां एक-एक करके 14 लोगों ने दम तोड़ दिया था. मरने वालों में कई बच्चे भी शामिल थे. इस मामले की जांच के बाद पुलिस ने कई लोगों को आरोपी बनाया था.Live TV

Tags:    

Similar News

-->