सपना चौधरी को आरोप मुक्त करने वाली अर्जी को कोर्ट ने की खारिज

मशहूर डांसर सपना चौधरी की ओर से डांस कार्यक्रम कैंसिल कर टिकट के रुपये नहीं लौटाने के मामले में अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट शांतनु त्यागी ने सपना चौधरी को आरोप मुक्त करने वाली अर्जी खारिज कर दी है

Update: 2021-09-18 15:47 GMT

मशहूर डांसर सपना चौधरी की ओर से डांस कार्यक्रम कैंसिल कर टिकट के रुपये नहीं लौटाने के मामले में अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट शांतनु त्यागी ने सपना चौधरी को आरोप मुक्त करने वाली अर्जी खारिज कर दी है। कोर्ट ने सपना चौधरी समेत पांच लोगों के विरुद्ध आरोप तय करने के लिए 12 अक्तूबर की तिथि तय होगी।

आशियाना की किला चौकी के एसआई फिरोज खान ने 13 अक्टूबर 2018 को सपना चौधरी, रत्नाकर उपाध्याय, अमित पांडे, पहल इंस्टीट्यूट के इबाद अली, नवीन शर्मा, जुनैद अहमद के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कराई थी। आरोप था कि 13 अक्तूबर 2018 को दिन तीन से रात 10 बजे तक स्मृति उपवन में अन्य आरोपियों ने सपना समेत कई कलाकारों का कार्यक्रम रखा गया था। ऑनलाइन-ऑफलाइन तरीके से प्रति व्यक्ति 300 रुपये टिकट बेचा गया था। कार्यक्रम देखने के लिए हजारों लोग मौजूद थे, मगर रात 10 बजे तक सपना चौधरी नहीं आईं तो लोगों ने हंगामा कर दिया। इसके बाद रिपोर्ट थाना आशियाना में दर्ज कराई गई। इस मामले में जुनैद, इबाद, अमित पांडे और रत्नाकर त्रिपाठी के खिलाफ 20 जनवरी 2019 को कोर्ट में चार्जशीट दायर की गई।
सपना चौधरी के विरुद्ध एक मार्च 2019 को आरोप पत्र दाखिल किया गया। कोर्ट ने 26 जुलाई 2019 को मामले का संज्ञान लिया था। सपना ने आरोप मुक्त किए जाने की मांग वाली अर्जी में कहा था कि न तो उन्होंने कोई पैसा लिया है, ना उन्हें टिकट का पैसा देने का कोई साक्ष्य है। सपना ने खुद को फर्जी तरीके से फंसाए जाने की बात कही है। कोर्ट ने कहा है कि इस स्तर पर आरोपी सपना चौधरी के विरुद्ध आरोप तय करने के पर्याप्त साक्ष्य पत्रावली पर मौजूद है। इस मामले में सपना चौधरी के अतिरिक्त अन्य आरोपियों की जमानतें हो चुकी हैं।
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