कोर्ट ने दी 12 साल की दुष्कर्म पीड़ित नाबालिग गर्भवती को गर्भपात कराने की अनुमति
हाईकोर्ट की एकलपीठ ने 12 साल की नाबालिग को गर्भपात की अनुमति दे दी है। कोर्ट ने टिप्पणी की कि नाबालिग बच्चे को जन्म देती है तो उसे हेय दृष्टि से देखा जाएगा।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | हाईकोर्ट की एकलपीठ ने 12 साल की नाबालिग को गर्भपात की अनुमति दे दी है। कोर्ट ने टिप्पणी की कि नाबालिग बच्चे को जन्म देती है तो उसे हेय दृष्टि से देखा जाएगा। जन्म देना उसके लिए खतरनाक भी है, इसलिए 25 फरवरी को नाबालिग कोर्ट के आदेश के साथ गुना के सीएमएचओ के समक्ष उपस्थित हो। सीएमएचओ एक सप्ताह में किसी भी मेडिकल कालेज में एक सप्ताह में गर्भपात की प्रक्रिया पूरी कराएं और रिपोर्ट हाई कोर्ट में पेश करें।
कोर्ट ने दिया मेडिकल बोर्ड बनाने का आदेश
गुना निवासी नाबालिग की मां ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। उनके अधिवक्ता रजनीश शर्मा ने तर्क दिया कि 12 साल की नाबालिग दुष्कर्म के बाद गर्भवती हो गई। वह न बच्चे को जन्म देने की स्थिति में है, न मानसिक रूप से तैयार है। बच्चे का लालन-पालन भी नहीं कर सकती, इसलिए गर्भपात की अनुमति दी जाए। कोर्ट ने ये तर्क सुनने के बाद गुना में मेडिकल बोर्ड बनाने का आदेश दिया। कोर्ट के आदेश पर 17 फरवरी को तीन डाक्टरों का बोर्ड गठित किया गया।
लड़की के लिए गर्भपात और प्रसव दोनों ही जोखिम भरे
डाक्टरों ने नाबालिग का परीक्षण कर रिपोर्ट हाई कोर्ट में सौंपी। उन्होंने बताया कि लड़की अति नाबालिग है और 18 सप्ताह चार दिन का गर्भ है। कानून में 20 साप्ताह के गर्भ को गिराने का प्रविधान है। गर्भपात और प्रसव दोनों ही जोखिम भरे हैं, लेकिन गर्भपात उचित है। यह रिपोर्ट आने के बाद हाई कोर्ट ने गर्भपात की अनुमति दे दी।