कौशांबी। कौशांबी में जिला अदालत के एडीजे राकेश कुमार की कोर्ट ने रूआब अली हत्याकांड के आरोपियों की सजा मुकर्रर कर दी है। कोर्ट ने हत्या में शामिल उसकी पत्नी गुलशन बेगम व पत्नी के प्रेमी इस्लामुद्दीन को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। वारदात 14 साल पहले सैनी थाना क्षेत्र के मीठापुर सयारा गांव में हुई थी। अदालत ने अर्थदंड की भी सजा दी। सैनी थाना क्षेत्र के मीठापुर सयारा गांव में रहने वाले रूआब अली की हत्या 16 अगस्त 2009 को बदमाशों द्वारा गोली मारकर कर दी गई थी। पुलिस को दी गई तहरीर में कहा गया था कि गुलशन बेगम पति रुआब अली के अलावा इस्लामुद्दीन से अवैध सम्बन्ध थे। जिसका विरोध करने पर गुलशन बेगम ने भोर में खेत गए पति रुआब की हत्या प्रेमी इस्लामुद्दीन को तमंचा देकर करा दी थी।
रुआब के सर में गोली मारी गई थी। हत्याकांड में गुलशन बेगम, इस्लामुद्दीन समेत 2 अन्य को नामजद किया गया था। पुलिस ने जांच के दौरान सभी आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र अदालत में दाखिल किया। दाखिल आरोप पत्र में आरोपियों को कड़ी सजा दी जाए जाने की मांग की गई थी। एडीजे 5 की कोर्ट में हत्याकांड की सुनवाई 14 साल चली। अदालत में सुनवाई के दौरान आधा दर्जन से अधिक गवाह पेश किए गए। कोर्ट ने गवाहों और सबूतों के आधार पर आरोपी गुलशन बेगम एवं उसके प्रेमी इस्लामुद्दीन को हत्याकांड में दोष सिद्ध पाया। एडीजीसी (फौजदारी) प्रेम प्रकाश चौधरी ने बताया, अदालत में सुनवाई पूरी कर गुलशन बेगम व इस्लामुद्दीन को आजीवन कारावास की सजा दी है। दोनों पर 17 हजार रुपए का अर्थदंड लगाया है। कोर्ट ने दो आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त किया है। अदालत में सजा पाने वाले मुलजिम ने अपने छोटे छोटे बच्चे होने और उनकी परवरिश का हवाला देकर सजा कम से कम सजा दिए जाने की मांग की थी।