आतंक को मदद देने वाले देशों को भी ठहराया जाए दोषी : पीएम मोदी

Update: 2020-11-17 12:20 GMT

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका) देशों के शिखर सम्मेलन को संबोधित किया. इस सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी ने आत्मनिर्भर भारत, कोविड-19 महामारी के बाद की वैश्विक स्थिति समेत आतंकवाद और संयुक्त राष्ट्र में सुधार की आवश्यकता जैसे कई महत्वपूर्ण पहलुओं पर भारत का दृष्टिकोण रखा. पीएम मोदी ने कहा कि आतंकवाद आज विश्व के सामने सबसे बड़ी समस्या है. पीएम मोदी ने बिना पाकिस्तान का नाम लिए हुए कहा कि हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि आतंकवादियों को समर्थन और सहायता देने वाले देशों को भी दोषी ठहराया जाए, और इस समस्या का संगठित तरीके से मुकाबला किया जाए.

आत्मनिर्भर भारत को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि हमने 'आत्मनिर्भर भारत' अभियान के तहत एक व्यापक सुधार प्रक्रिया शुरू की है. यह अभियान इस विश्वास पर आधारित है कि एक आत्म निर्भर भारत कोविड-19 के बाद वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए फोर्स मल्टीप्लायर हो सकता है और वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं में एक मजबूत योगदान दे सकता है. उन्होंने कहा इसका उदहारण हमने कोविड के दौरान भी देखा, जब भारतीय फार्मा उद्योग की क्षमता के कारण हम 150 से अधिक देशों को आवश्यक दवाइयां भेज पाए. हमारी वैक्सीन उत्पादन और डिलीवरी क्षमता भी इस तरह मानवता के हित में काम आएगी.

पीएम मोदी ने कहा कि 2021 में BRICS के 15 वर्ष पूरे हो जाएंगे. पिछले सालों में हमारे बीच लिए गए विभिन्न निर्णयों का मूल्यांकन करने के लिए हमारे शेरपा एक रिपोर्ट बना सकते हैं. 2021 में अपनी अध्यक्षता के दौरान हम BRICS के तीनों स्तंभों में इंट्रा-ब्रिक्स सहयोग को मजबूत करने का प्रयत्न करेंगे. इस सम्मेलन में आतंकवाद, व्यापार, स्वास्थ्य, ऊर्जा के साथ ही कोरोना महामारी के चलते हुए नुकसान की भरपाई के उपायों जैसे मुद्दों पर चर्चा की जा रही है. चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग, ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर बोलसोनारो और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी इस बैठक में शामिल हो रहे हैं.

ब्रिक्स को एक प्रभावी संगठन माना जाता है जो विश्व की कुल आबादी के आधे हिस्से का प्रतिनिधित्व करता है. ब्रिक्स देशों का संयुक्त रूप से सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 16.6 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर है.

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