नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन: दवा कंपनी का कर्मचारी गिरफ्तार, पूछताछ में कबूला जुर्म
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जबलपुर। नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन रैकेट में एक और मछली पुलिस के जाल में फंस गई है. एक एक कर इस मामले में हर किरदार बेपर्दा हो रहा है. अब तक पुलिस की रडार में रहे इंदौर की दवा कंपनी के कर्मचारी राकेश शर्मा को भी जबलपुर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. राकेश इंदौर में एक दवा कंपनी में काम करता था जो इस रेमडेसिविर रैकेट के गुजरात कनेक्शन का मुख्य सूत्रधार था. राकेश ने ही सपन जैन को 500 नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन गुजरात के माध्यम से दिलवाए थे. राकेश आज पुलिस की पकड़ में आ गया. पुलिस जांच में राकेश के अपना जुर्म भी कबूल कर लिया है.
पुलिस ने राकेश के खिलाफ भी अन्य आरोपियों की तरह कई धाराओं में केस दर्ज करते हुए जेल भेज दिया है. राकेश ने पुलिस के सामने यह बात कबूली है कि उसने ही नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन सपन को उपलब्ध कराए थे. इन 500 नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन में से 35 इंजेक्शन उसने अपने पास रखे थे जिसे बाद में सपन के साथ मिलकर उसने तिलवारा पुल से नर्मदा में फेंक दिया था. इस सिलसिले में देर रात पुलिस ने घटना का रिक्रिएशन भी किया था.
इस मामले में सिटी अस्पताल के अकाउंटेंट को भी लगातार पुलिस अपनी नजरों में रखे हुए है जो कई और राज उगल सकता है. जबलपुर पुलिस ने अब तक गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 467, 468 और आईटी एक्ट की धाराओं में इजाफा किया है. पुलिस की जांच में यह पाया गया है कि अपने गुनाहों को छुपाने के लिए आरोपियों ने दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ की है. साथ ही जाली दस्तावेज भी तैयार किए गए थे. लिहाजा पुलिस ने इन मामलों में आरोपियों के खिलाफ धाराएं बढ़ा दी हैं.