कॉस्ट्यूम डिजाइनर महिला निकली XE स्ट्रेन से संक्रमित, दोबारा होगी जांच

Update: 2022-04-07 00:44 GMT

मुंबई। मुंबई में कोरोना वायरस के XE वैरिएंट की पुष्टि के कुछ घंटे बाद ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस बात का खंडन कर दिया. मंत्रालय के अधीन आने वाले केंद्रीय अनुसंधान निकाय INSACOG के शीर्ष अधिकारियों ने कहा कि मामले की फिर से जांच करनी होगी. INSACOG के सूत्रों ने इंडिया टुडे को बताया कि इस मामले की फिर से पुष्टि करने और यह पता लागने की जरूरत है कि क्या सैंपल recombinant variant से संक्रमित है. सूत्रों ने बताया कि हम कई एक्सपोजर की जांच के लिए फिर से जीनोम सीक्वेंसिंग कराएंगे.

महाराष्ट्र कोविड टास्क फोर्स के सदस्य डॉ. शशांक जोशी ने कहा कि रीकॉम्बिनेंट स्ट्रेन में contaminants होते हैं इसलिए INSACOG ने हमसे जीनोम सीक्वेंसिंग का डेटा मांगा है ताकि उसे NIBMG (नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ बायोमेडिकल जीनोमिक्स) को भेज दिया है ताकि XE वैरिएंट के होने की पुष्टि की जा सके. डॉ. शशांक जोशी का कहना है कि मुंबई में नए वैरिएंट के मिलने पर घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि जो विदेशी महिला इस वैरिएंट से संक्रमित पाई गई थी वह पिछले महीने ही पूरी तरह से ठीक होकर अपने देश लौट गई है. उन्होंने बताया कि सैंपलों की कस्तूरबा लैब में डॉ. जयंती शास्त्री द्वारा जीनो सीक्वेंसिंग करवाई गई थी. लैब ने इस बात की पुष्टि की है कि महिला में ओमिक्रॉन के दो सब लीनेज BA.1 और BA.2 का रीकॉम्बिनेंट स्ट्रेन है.

मुंबई में जिस 50 वर्षीय विदेशी महिला के XE वैरिएंट के चपेट में आने की बात सामने आई है, वह कोरोना के दोनों टीके लगा चुकी है. महिला एसिमटोमैटिक है और उनमें कोरोना के कोई लक्षण नहीं पाए गए हैं. बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) ने अपनी सीरो सर्वे रिपोर्ट में महिला के XE वैरिएंट से संक्रमित होने का दावा किया है. XE स्ट्रेन से संक्रमित महिला पेशे से कॉस्ट्यूम डिजाइनर हैं साथ ही वह शूटिंग क्रू की टीम सदस्य भी हैं. जानकारी के मुताबिक वह 10 फरवरी 2022 को दक्षिण अफ्रीका से आई थीं. इससे पहले उनकी कोई ट्रेवल हिस्ट्री भी नहीं थी.

अगर नया वैरिएंट XE ही होगा तो यह ओमिक्रॉन के सब वैरिएंट BA.2 से करीब 10 प्रतिशत ज्यादा संक्रामक हो सकता है. इसे लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) इसको लेकर चिंता कर चुका है. XE ओमिक्रॉन के दो सब लीनेज BA.1 और BA.2 का रीकॉम्बिनेंट स्ट्रेन है. WHO कह चुका है कि जब तक इसके ट्रांसमिशन रेट और बीमारी के व्यवहार में महत्वपूर्ण बदलाव नहीं देखा जाता तब तक इसे ओमिक्रॉन वैरिएंट से ही जोड़कर देखा जाएगा.


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