मोदी ने शुक्रवार को बताया कि 'एक्सपर्ट्स ये मानकर चल रहे हैं कि अब कोरोना की वैक्सीन के लिए बहुत ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा।' उन्होंने कहा कि "टीकाकरण अभियान में प्राथमिकता कोरोना के मरीजों के इलाज में जुटे हेल्थकेयर वर्कर्स, फ्रंटलाइन वर्कर्स और जो पहले से गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं, वैसे बुजुर्ग लोगों को दी जाएगी।" उन्होंने वैक्सीन की कीमत पर कहा कि 'केंद्र सरकार इस बारे में राज्य सरकारों के साथ बात कर रही है।' मोदी के अनुसार, "वैक्सीन की कीमत को लेकर फैसला, जनस्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए किया जाएगा और राज्य सरकारों की इसमें पूरी सहभागिता होगी।"
पहला प्रॉयरिटी ग्रुप है हेल्थकेयर वर्कर्स का। इनमें वो लोग हैं जिन्होंने महामारी की शुरुआत से लड़ाई लड़ी है। डॉक्टर्स, नर्सेज, पैरामेडिक्स, हेल्थकेयर सपोर्ट स्टाफ इस ग्रुप में शामिल होंगे। चूंकि ये कोविड मरीजों के सबसे ज्यादा संपर्क में आते हैं, इसलिए संक्रमण का खतरा भी सबसे ज्यादा इन्हें ही है। ऐसे में टीके पर सबसे पहला अधिकार इन्हीं का होगा।
सरकार का दूसरा प्रॉयरिटी ग्रुप है फ्रंटलाइन वर्कर्स का। हेल्थकेयर के अलावा कई ऐसी सेवाएं रहीं हैं जिन्होंने महामारी के समय में भी नागरिकों का ध्यान रखना नहीं छोड़ा। सेना, पुलिस, फायर ब्रिगेड, नगर निगम जैसे सेक्टर्स इसका हिस्सा होंगे। ये वो लोग हैं जिन्होंने देश की डिफेंस और सिविक जरूरतों का महामारी के वक्त ध्यान रखा है, इसलिए कोविड वैक्सीन की लिस्ट में उनका नंबर दूसरा होगा।
पहले चरण में हेल्थकेयर और फ्रंटलाइन वर्कर्स के बाद, ऐसे लोगों को टीका दिया जाएगा जिनकी उम्र 50 साल से ज्यादा है। कोविड-19 का प्रभाव इससे ज्यादा उम्र वाले लोगों पर अधिक देखने को मिला है। मौतों के आंकड़े भी 50 साल से ज्यादा उम्र वाले मरीजों में ज्यादा हैं। ऐसे में जरूरी हो जाता है कि वैक्सीन उन्हें पहले मिले। सरकार ने बुजुर्ग लोगों को प्रॉयरिटी लिस्ट में तीसरे नंबर पर रखा है। यानी अगर आपकी उम्र 50 साल से ज्यादा है तो आपको पहले चरण में ही टीका लग जाएगा।
चौथा प्रॉयरिटी ग्रुप ऐसे लोगों का होगा जो 50 साल से कम उम्र के होंगे मगर उन्हें पहले से गंभीर बीमारियां हैं। यह पहले चरण का दूसरा सबसे बड़ा प्रॉयरिटी ग्रुप होगा। दो या उससे ज्यादा बीमारियों वाले लोगों को 'हल्के, मॉडरेट और गंभीर' में क्लासिफाइड किया जा सकता है ताकि उसी हिसाब से टीकाकरण के लिए बुलाया जाए। पहले चरण से किडनी की हल्की बीमारी या मॉडरेट हाई ब्लड प्रेशर वाले मरीजों को बाहर रखे जाने की संभावना है।