भारत में तेजी से बनेगी कोरोना वैक्सीन, सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बायोटेक को 4500 करोड़ देगी मोदी सरकार, पढ़े पूरी रिपोर्ट

Update: 2021-04-19 13:42 GMT

कोरोना के बढ़ते केस को देखते हुए वैक्सीनेशन में तेजी लाने की बात कही जा रही है. वित्त मंत्रालय सूत्रों से जानकारी मिली है कि केंद्र सरकार ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) को 3000 करोड़ रुपये और भारत बायोटेक को 1,500 करोड़ रुपये देने की बात कही है. सरकार द्वारा सैद्धांतिक मंजूरी दिए जाने के बाद अब वित्त मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय को यह अमाउंट सैंक्शन करेगा. इस बारे में जल्द ही आधिकारिक आदेश भी जारी किया जाएगा. बाद में स्वास्थ्य मंत्रालय, वित्त मंत्रालय से यह पैसा पाकर SII और भारत बायोटेक को देगा.

बता दें कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक भारत में कोरोना वैक्सीन बनाने वाली कंपनी है. भारत बायोटेक कोवैक्सीन बना रहा है, जबकि SII कोविशील्ड बना रहा है. कोरोना संकट के बीच पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह समेत कई नेताओं ने पीएम नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर वैक्सीनेशन में तेजी लाने का सुझाव दिया था. मनमोहन सिंह ने कहा कि वैक्सीनेशन में तेजी लानी होगी, क्योंकि ये कोरोना से जंग में अहम है.
उन्होंने यह भी कहा है कि कितने लोगों को वैक्सीन लगा है, यह आंकड़ा ना देखकर इस पर फोकस किया जाए कि आबादी के कितने फीसदी लोगों का वैक्सीनेशन हुआ है. कोरोना से हो रहे नुकसान का जिक्र करते हुए उन्होंने 5 सुझाव दिए हैं. मनमोहन सिंह ने कहा है कि 45 साल से कम उम्र के लोगों को भी वैक्सीनेशन में छूट दी जाए.
मनमोहन सिंह ने कहा कि सरकार को यह बताना चाहिए कि अलग-अलग वैक्सीन को लेकर क्या आदेश हैं और अगले छह महीनों में डिलीवरी होने का क्या स्टेटस है. बता दें कि कोरोना की जंग में अब कई और विदेशी वैक्सीन खरीदने की चर्चा हो रही है. इसी को लेकर मनमोहन सिंह ने सवाल किया है कि उसका अभी क्या स्टेटस है.
पूर्व प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि सरकार को यह संकेत देना चाहिए कि पारदर्शी फार्मूले के आधार पर राज्यों में उनकी अपेक्षित आपूर्ति को कैसे वितरित किया जाएगा. इसके अलावा मनमोहन सिंह ने कहा कि राज्यों को फ्रंटलाइन वर्कर्स की श्रेणियों को परिभाषित करने के लिए कुछ छूट दी जानी चाहिए. जिससे 45 वर्ष से कम आयु के लोगों को भी टीका लगाया जा सके.
मनमोहन सिंह ने आगे कहा कि भारत सरकार को वैक्सीन निर्माताओं को और रियायतें देनी चाहिए. इजरायल की तरह अनिवार्य लाइसेंसिंग प्रावधान लागू किया जाए. उन्होंने सुझाव दिया कि किसी भी वैक्सीन को जिसे यूरोपीय मेडिकल एजेंसी या यूएसएफडीए जैसे विश्वसनीय एजेंसियों द्वारा उपयोग के लिए मंजूरी दे दी गई है, उसे घरेलू आयात करने कर उपयोग की जानी चाहिए.
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