कोरोना मरीजों को नहीं पड़ेगी ऑक्सीजन की जरूरत, इस दवा कंपनी के डेवलपर्स का दावा
देश भर में जहां एक तरफ कोरोना की रफ्तार काफी तेज हो गई है और हर दिन रिकॉर्डतोड़ मामले सामने आ रहे हैं. इस बीच कोरोना को मात देने के मिशन को रफ्तार देने के लिए भारत सरकार की ओर से बड़ा कदम उठाया गया है. शुक्रवार को भारत के ड्रग्स रेगुलेटर की ओर से Zydus की Virafin को मंजूरी दे दी गई है. जानकारी के मुताबिक इस दवा का इस्तेमाल कोरोना पीड़ितों के इलाज में किया जा सकेगा.
बताया जा रहा है कि यह एक ऐसी दवा है जिसे COVID-19 के बीमार रोगियों के इलाज के लिए फिर से तैयार किया गया है. इस दवा का इस्तेमाल हेपेटाइटिस सी के इलाज के लिए किया जा रहा था. डेवलपर्स का दावा है कि इस दवा की मदद से कोरोना रोगियों को बीमारी से लड़ने और जल्दी रिकवरी में मदद मिलेगी.
जानकारी के मुताबिक भारत में इस दवा का इस्तेमाल पिछले दस साल से हो रहा है.वहीं जायडस का दावा है कि इस दवा के इस्तेमाल के बाद 7 दिन में 91.15 फीसदी कोरोना पीड़ितों का RT-PCR टेस्ट निगेटिव आया है.
जानकारी के मुताबिक जायडस कैडिला ने विराफिन के ह्यूमन ट्रायल में तकरीबन 25 सेंटर्स का इस्तेमाल किया. जिसमें दावा किया जा रहा है कि विराफिन के इस्तेमाल के बाद मरीज को ऑक्सीजन की भी जरूरत नहीं रह गयी. ऐसे में माना जा रहा है कि ये अब तक का बेहतरीन नतीजा है, जिसमें साफ है कि यह कोरोना के दौरान होने वाले सांस संबंधी परेशानी को दूर करने में मदद करता है.
कोविशील्ड-कोवैक्सीन के बाद स्पुतनिक-V
बता दें कि भारत में अब कोरोना से लड़ने के लिए तीन वैक्सीन मौजूद हैं. कोवैक्सीन और कोविशील्ड के बाद अब भारत में रूस की स्पुतनिक-V को भी मंजूरी मिल गयी है. देश में वैक्सीनेशन का अभियान भी तेजी से चल रहा है. इसी बीच नए चरण की अनुमति भी दी जा चुकी है. इस चरण में 18 साल से ऊपर के सभी लोगों को वैक्सीन लगाई जाएगी. या वैक्सीनेशन एक मई से शुरू हो रहा है.
रिकॉर्ड 3.32 लाख से अधिक मामले
इस बीच देश में पिछले 24 घंटे में कोरोना के रिकॉर्ड 3.32 लाख से अधिक मामले सामने आने के साथ एक्टिव मामलों का आंकड़ा 24.28 लाख के पार पहुंच गया है. जबकि बीते 24 घंटे में 2263 कोरोना मरीजों के दम तोड़ने के साथ इस महामारी से मरने वालों की संख्या 1,86,920 हो गई है. देश में लगातार बढ़ते मामलों के बीच कोविड-19 से ठीक होने की दर गिरकर करीब 84 प्रतिशत हो गई है.