कोरोना प्रकोप: भारत में जुलाई तक चल सकती है वैक्सीन की किल्लत? अदार पूनावाला ने इंटरव्यू में दिए संकेत

Update: 2021-05-03 04:47 GMT

फाइल फोटो 

कोरोना को मात देने के लिए भारत ने वैक्सीनेशन को सभी के लिए खोल दिया है, लेकिन सबसे बड़ा संकट अब वैक्सीन की कमी का आ रहा है. देश के कई हिस्सों में वैक्सीन ना होने के कारण या तो सेंटर्स बंद पड़े हैं या फिर नया चरण शुरू नहीं हो सका है. इस बीच भारत में वैक्सीन के सबसे बड़े निर्माता सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के अदार पूनावाला ने एक बयान दिया है, जो वैक्सीन की कमी की चिंता को और भी बढ़ाता है.

अदार पूनावाला का कहना है कि भारत में वैक्सीन की किल्लत जुलाई तक जारी रह सकती है. अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस ने फाइनेंशियल टाइम्स के इंटरव्यू का हवाला देते हुए लिखा है कि जुलाई में वैक्सीन का प्रोडक्शन बढ़ सकता है और हर महीने 100 मिलियन वैक्सीन की डोज़ बनाए जा सकेंगे.
इस इंटरव्यू में अदार पूनावाला ने कहा है कि भारत में सभी ने सोचा था कि कोरोना का असर कम होने लगा है, लेकिन जनवरी में दूसरी लहर की शुरुआत हो गई. वैक्सीन की किल्लत को लेकर अदार पूनावाला ने कहा कि मुझपर गलत तरीके के आरोप लगाए जा रहे हैं.
अदार पूनावाला ने कहा कि हमने वैक्सीन को बनाने की क्षमता पहले इसलिए नहीं बढ़ाई थी क्योंकि तब कोई ऑर्डर नहीं थे. हमें नहीं पता था कि हमें एक साल में एक बिलियन से ज्यादा डोज़ बनानी पड़ेंगी.
1 मई के बाद से बढ़ने लगी किल्लत
आपको बता दें कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की गिनती दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीन निर्माताओं में होती है. भारत में कोविशील्ड का निर्माण यही कंपनी कर रही है. बीते दिनों ही अदार पूनावाला ने ट्वीट कर लिखा था कि उनकी यूके में उनके पार्टनर्स के साथ शानदार बैठक हुई है, पुणे में भी प्रोडक्शन काफी तेज़ी से आगे बढ़ रहा है.
भारत में एक मई से ही 18 साल से अधिक उम्र वालों के लिए वैक्सीनेशन ओपन किया गया है. अब राज्य सरकारें खुद भी वैक्सीन निर्माताओं से डोज़ खरीद रही हैं. ऐसे में अचानक डिमांड बढ़ने के कारण वैक्सीन की शॉर्टेज हो गई है. बता दें कि भारत में अभी दो वैक्सीन इस्तेमाल में हो रही हैं, जिसमें सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड के अलावा भारत बायोटेक की कोवैक्सीन भी है.
भारत में अभी तक 16 करोड़ से अधिक वैक्सीन की डोज़ लगाई जा चुकी हैं, एक दिन में औसतन 30 लाख डोज़ लग रही हैं. हालांकि, एक्सपर्ट्स का कहना है कि इसकी रफ्तार को बढ़ाने की जरूरत है. लेकिन वैक्सीन की किल्लत के कारण ऐसा नहीं हो पा रहा है. 


Tags:    

Similar News

-->