कोरोना महामारी: आइवरमेक्टिन के इस्तेमाल को लेकर WHO ने दी चेतावनी

कुछ शोधकर्ताओं का दावा है

Update: 2021-05-11 11:21 GMT

नई दिल्ली, कुछ शोधकर्ताओं का दावा है कि एंटीपैरासाइटिक दवा आइवरमेक्टिन के नियमित उपयोग से कोरोना संक्रमण के जोखिम को काफी कम किया जा सकता है। वहीं, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मंगलवार को एक बार फिर कोविड-19 मरीजों के इलाज में इस्तेमाल की जा रही आइवरमेक्टिन के इस्तेमाल को लेकर चेतावनी दी है। WHO की मुख्य वैज्ञानिक डॉक्टर सौम्या स्वामीनाथन ने एक ट्वीट में कहा, 'किसी भी नई बीमारी के लिए इस्तेमाल में लाइ जा रही दवाइयों की सुरक्षा और प्रभावकारिता बेहद जरूरी होती है। WHO क्लीनिकल ट्रायल के बिना कोविड के इलाज में आइवरमेक्टिन के इस्तेमाल के खिलाफ है।' बता दें कि आइवरमेक्टिन दवा परजीवी संक्रमण का इलाज करने के लिए ली जाती है। यह सामान्य गोलियों की तरह पानी के साथ ली जा सकती है।

जर्मन हेल्थकेयर एंड लाइफ साइंसेज़ Merck की तरफ से भी आइवरमेक्टिन को लेकर कुछ बातें कही गई। डॉक्टर स्वामीनाथन द्वारा अपने ट्वीट में Merck का भी जिक्र किया गया। कहा गया कि वैज्ञानिक लगातार कोविड के इलाज में आइवरमेक्टिन के इस्तेमाल से आ रही स्टडीज़ का अध्ययन कर रहे हैं। अध्ययन में कोरोना से सुरक्षा पर बहुत आशाजनक डेटा नहीं है। बता दें कि ये पहली बार नहीं है जब आइवरमेक्टिन को कोरोना के इलाज में सिरे से नकार दिया गया हो। पहले भी संगठन ने कहा था कि इसकी बहुत कम निश्चितता है कि इस दवा से बीमारी से मौत या फिर अस्पतालों में भर्ती होने की दर में कमी आती हो।
बता दें कि बीते दिन समाचार एजेंसी पीटीआइ की ओर से एक खबर जारी की गई थी, जिसमें अमेरिकी जर्नल आफ थेरपटिक्स के मई-जून अंक में प्रकाशित एक शोध, जो क्लिनिकल, टेस्ट ट्यूब, जानवरों और वास्तविक जीवन में लिए गए आंकड़ों की व्यापक समीक्षा पर आधारित था, उसका जिक्र किया गया था। इसमें कहा गया था कि यह दवा महामारी समाप्त करने में काफी मददगार हो सकती है।
खबर के मुताबिक, कोरोना की रोकथाम में आइवरमेक्टिन की प्रभावकारिता (एफीकेसी) का मूल्यांकन करने के लिए लगभग 2,500 रोगियों पर तरह-तरह के परीक्षण कर उनसे मिले डाटा का विश्लेषण किया गया। सभी अध्ययनों में पाया गया कि आइवरमेक्टिन के नियमित सेवन से कोरोना की चपेट में आने का जोखिम काफी कम किया जा सकता है। शोधकर्ताओं के अनुसार दुनिया भर के कई क्षेत्रों में अब यह माना जा रहा है कि आइवरमेक्टिन कोरोना का एक शक्तिशाली रोगनिरोधक और उपचार है।
इस अध्ययन समूह में शामिल रहे ईस्ट वर्जीनिया (अमेरिका) के पलमोनरी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसिन के प्रमुख पाल ई मैरिक ने कहा, हमारे नवीनतम शोध के निष्कर्षो की समग्रता से जांच के बाद इसमें कोई शक नहीं कि कोरोना के लिए आइवरमेक्टिन एक सुरक्षित निरोधक और अत्यधिक प्रभावी उपचार है। हालांकि, विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा इन सभी दावों को नकार दिया गया और फिलहाल कोरोना से लड़ाई में इस दवा पर अपनी सहमती नहीं जताई।
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