जेलों पर मंडरा रहा कोरोना संकट, कैदियों को रिहा करने पर होगा विचार, कल सभी HC के चीफ जस्टिस से बात करेंगे CJI रमना

Update: 2021-05-07 09:05 GMT

देश की अलग-अलग जेलों में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं. इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी. इस पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) एनवी रमना ने कहा कि मैं कल हाई कोर्ट के सभी चीफ जस्टिस से बात करूंगा और उनसे हाई पॉवर कमेटी बनाने के लिए कहूंगा.

दरअसल, पिछले साल ही सुप्रीम कोर्ट ने जेल में कोरोना के मामले को देखने और उसी हिसाब से कैदियों को पेरोल या जमानत पर रिहा करने के लिए सभी हाई कोर्ट को एक हाई पॉवर कमेटी का गठन करने का निर्देश दिया था. इस बार फिर कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. खासतौर पर जिन जेलों में क्षमता से अधिक कैदी बंद हैं, वहां कोरोना विस्फोट का खतरा है.
इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई थी. सुप्रीम कोर्ट से पूरे देश के लिए समान फैसला सुनाने की मांग की गई. इस पर सीजेआई एनवी रमना ने कहा कि हम समान ऑर्डर पूरे देश के लिए नहीं दे सकते हैं, हम हर राज्य की स्थिति को नहीं जानते हैं, इसलिए हमने एचपीसी का गठन करने को कहा था, जो अपने प्रदेशों की जेल के हालात को देखेंगे.
आज सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील कॉलिन गोंसाल्वेस ने कहा कि पिछले साल लगभग 40 हजार लोगों को रिहा किया गया था, फिर वे अदालत के आदेशों पर वापस जेल आ गए था, पिछले साल जेल में भीड़भाड़ लगभग 150% थी, जो अब बढ़कर लगभग 200% हो गई है, क्योंकि अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
वरिष्ठ वकील कॉलिन गोंसाल्वेस ने कहा कि पेरोल पर रिहा होने के बाद वापस आए लोगों को नियमित जमानत दी जानी चाहिए, डीजी जेल ने हलफनामा दायर कर कहा है कि 92% लोग वापस आ गए हैं. दिल्ली और कुछ राज्यों ने एचपीसी का गठन किया, लेकिन कई राज्यों में एचपीसी का गठन नहीं किया गया, ऐसे में एक समान आदेश पारित किया जाए.
इस पर सीजेआई एनवी रमना ने कहा कि कल मैं देश के सभी हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस से बात करूंगा, उन्हें यह सुनिश्चित करने के लिए कहेंगे कि प्रत्येक उच्च न्यायालय एचपीसी का गठन करे.
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