चिंता: दिल्ली में कोरोना के मामले बढ़े, क्या दस्तक दे चुकी है Covid-19 की चौथी लहर?

Update: 2022-04-21 02:31 GMT

नई दिल्ली: दिल्ली में कोरोना के मामले फिर तेजी से बढ़ने लगे हैं. पिछले 24 घंटे में संक्रमित मरीजों का आंकड़ा हजार पार कर गया है. कल तक यही आंकड़ा 600 चल रहा था. ऐसे में एक दिन में दिल्ली में दोगुने के करीब मामले बढ़ गए हैं. अब लोगों को इस बात की चिंता होने लगी है कि क्या एक बार फिर दिल्ली में कोरोना की लहर आने वाली है? क्या फिर राजधानी में कोरोना के रिकॉर्डतोड़ मामले दर्ज किए जाएंगे?

अब अगर देश में आई कोरोना की तीनों लहरों पर नजर डालें और तब दिल्ली के आंकड़ों को समझने का प्रयास करें, तो काफी कुछ साफ होता दिख सकता है. राजधानी दिल्ली में दूसरी और तीसरी लहर के दौरान मामले काफी तेजी से बढ़ते दिख गए थे. सिर्फ ज्यादा मामले नहीं आए थे, बल्कि कम दिनों में वो तेजी देखने को मिली थी.
दूसरी लहर....
दूसरी लहर के दौरान दिल्ली में 27 मार्च को 1,558 मामले सामने आए थे. ये वो समय था जब किसी को भी दूसरी लहर की आहट नहीं सुनाई दी थी. लेकिन फिर दो दिन बाद ही दिल्ली में कोरोना के 1,904 मामले दर्ज किए गए. इसके 9 दिन बाद यानी की अप्रैल 7 को राजधानी का आकंड़ा पांच हजार के पार चला गया और संक्रमित मरीज 5,500 दर्ज किए गए. लेकिन ये सिर्फ ट्रेलर था क्योंकि फिर 20 अप्रैल को दिल्ली में कोरोना मामलों का नया रिकॉर्ड बना. एक दिन में 28395 केस दर्ज कर लिए गए. उस समय पूरे देश में ही कोरोना के डेल्टा वैरिएंट का कहर था.
तीसरी लहर....
अब बात देश में आई तीसरी लहर की जिसने अपना रौद्र रूप नए साल के जश्न के कुछ दिन बाद ही दिखाना शुरू कर दिया था. कोरोना का नया वैरिएंट आया था-ओमिक्रॉन. इसकी खासियत ये रही कि ये काफी तेजी से फैलता. दुनिया के दूसरे देशों में भी इसी ओमिक्रॉन की वजह से रिकॉर्ड मामले दर्ज किए जा रहे थे. ऐसे में राजधानी दिल्ली में भी ओमिक्रॉन का पूरा असर देखने को मिला था. लेकिन दूसरी लहर की तरह दिल्ली में शुरुआती दिनों में जो आंकड़ा हजार के करीब रहा, सिर्फ तीन से पांच दिनों के अंदर में ही 5000 मामलों को भी पार कर गया.
आंकड़े बताते हैं कि दिल्ली में पिछले साल 30 दिसंबर को कोरोना के 1313 मामले दर्ज किए गए थे. फिर 31 दिसंबर को 483 ज्यादा मामले दर्ज हुए और आंकड़ा 1,796 पर पहुंच गया. लेकिन ओमिक्रॉन की स्पीड ऐसी रही कि सिर्फ चार दिन बाद ही दिल्ली में कोरोना मरीजों का आंकड़ा 5481 पर पहुंच गया. इसके बाद सिर्फ 10 दिन के अंदर दिल्ली में कोरोना मरीजों की संख्या एक दिन में 28,000 को भी पार कर गई.
पहली लहर....
अब बात पहले दूसरी और तीसरी लहर की इसलिए की गई क्योंकि इन दोनों ही केस में मामले ज्यादा तेजी से बढ़ते हुए दिखे थे. इसके दो कारण थे- एक ज्यादा टेस्टिंग और दूसरा वायरस में हो रही म्यूटेशन. लेकिन अगर दिल्ली में आई कोरोना की पहली लहर पर नजर डालें तो पता चलता है कि मामले तो तब कम आए, लेकिन संक्रमण दर काफी ज्यादा रहा. चिंता का विषय ये भी रहा कि तब दिल्ली में टेस्टिंग से लेकर दूसरी सुविधाएं ज्यादा विकसित नहीं हुई थीं.
पहली लहर के दौरान दिल्ली में सबसे पहले हजार का आंकड़ा साल 2020 में 30 मई को छुआ था. तब राजधानी में एक दिन में कोरोना के 1,163 मामले दर्ज हुए थे. वहीं तब कोविड का पीक दिल्ली के लिए 23 जून को आया जब मामलों की संख्या 3947 पर पहुंच गई, वहीं संक्रमण दर सर्वधिक 36.9 फीसदी का दर्ज किया गया.
चौथी लहर की दस्तक?
अब एक बार फिर दिल्ली में कोरोना के मामले बढ़ने लगे हैं. फिर शुरुआत धीमि गति से हुई लेकिन देखते ही देखते मामलों में बड़ा उछाल देखने को मिल गया. बुधवार को राजधानी में हजार से ज्यादा मामले दर्ज हुए हैं जो सिर्फ एक दिन पहले तक 600 थे. ऐसे में अब दिल्ली का इस बार का कोरोना मीटर कहां पर जाकर रुकता है, क्या मामलों में बड़ा उछाल होता है या फिर सबकुछ जल्दी सामान्य हो जाता है, इस पर सभी की नजर रहने वाली है.


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