भारत में कोरोना फिर बेकाबू, AIIMS डायरेक्टर ने कहा- हर दिन 50 लाख वैक्सीन लगाने की जरूरत

Update: 2021-03-17 17:42 GMT

नई दिल्ली:- देश में कोरोना महामारी ने फिर से खतरनाक रूप ले लिया है। महाराष्ट्र में बुधवार को 23 हजार से ज्यादा नए मरीज सामने आए जो इस साल किसी एक दिन में संक्रमण का सबसे बड़ा रेकॉर्ड है। पंजाब, मध्य प्रदेश जैसे कुछ अन्य राज्यों में भी कोरोना तेजी से फैल रहा है। इसे लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की और कोरोना संक्रमण के दूसरे पीक को जल्द से थामने की अपील की। सवाल उठ रहा है कि क्या यह देश में कोरोना की दूसरी लहर है? मिरर नाउ ने AIIMS दिल्ली के डायरेक्टर डॉक्टर रणदीप गुलेरिया से जब यही सवाल पूछा तो उनका जवाब था- हां, मौजूदा स्थिति यही इशारा कर रही है कि हम दूसरी लहर की तरफ बढ़ रहे हैं। उन्होंने वैक्सीनेशन की मौजूदा स्पीड को बढ़ाने की जरूरत पर जोर दिया।

गुलेरिया ने कहा, 'यह (फिर से नए मामलों का तेजी से बढ़ना) बड़ी चिंता की बात है। बड़ी संख्या में नए केस आ रहे हैं। यह बताता है कि हम दूसरी लहर की तरफ बढ़ रहे हैं। हमें तय करना होगा कि किस रास्ते जाना है, क्या आक्रामकता के साथ कर्व को फ्लैट करना है या संक्रमण को बेकाबू होने देना है।'
एम्स डायरेक्टर ने कहा कि स्थिति अभी बेकाबू नहीं हुई है, हमें बस पिछले साल सीखे गए सबक को फिर आजमाना है। उन्होंने कहा, 'फिलहाल, केस बहुत ज्यादा नहीं हैं लेकिन हमें आक्रामक होने की जरूरत है। पिछले साल हमने जो सबक सीखे उन्हें फिर आजमाना है। कोरोना नियमों का सख्ती से पालन करना होगा। टेस्टिंग, ट्रैकिंग और आइसोलेशन पर जोर देना होगा। ज्यादा से ज्यादा टेस्टिंग पर जोर हो। जो पॉजिटिव केस हों, उन्हें आइसोलेट करें ताकि उनसे किसी अन्य को संक्रमण न हो।'
गुलेरिया ने कहा कि इस साल तो हमारी तरकश में वैक्सीन के रूप में एक और तीर है। जोखिम वाले लोगों को वैक्सीन देने से मौत के आंकड़ों में कमी दिखेगी। उन्होंने कहा कि हमें एक दिन में कम से कम 50 लाख डोज देने की जरूरत है। उन्होंने वैक्सीनेशन को लेकर जागरूकता अभियान चलाने की वकालत की, खासकर ग्रामीण इलाकों में। इसके अलावा उन्होंने ग्रामीण इलाकों में बुजुर्गों को वैक्सीनेशन सेंटर तक लाने और ले जाने के लिए ट्रांसपोर्टेशन की सुविधा उपलब्ध कराने की सलाह दी। गुलेरिया ने कहा, 'बुजुर्ग लोगों को वैक्सीनेशन सेंटरों पर लाने की जरूरत है। उनके लिए ट्रांसपोर्ट की सुविधा उपलब्ध करानी चाहिए खासकर ग्रामीण इलाकों में। ग्रामीण इलाकों में जागरूकता अभियान चलाना चाहिए ताकि वैक्सीन को लेकर हिचक खत्म हो।'
रणदीप गुलेरिया ने कहा, 'वैक्सीनेशन का उद्देश्य जिंदगी बचाना है और मोर्टेलिटी को रोकना है। हमारे पास पर्याप्त डोज हैं। 30 करोड़ लोगों को लिए 60 करोड़ डोज की आवश्यकता है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि ये डोज हमारे पास हों ताकि जब दूसरे डोज की बात आए तो वह उपलब्ध हों। हमें हाई रिस्क वाले लोगों को प्राथमिकता के तौर जल्द से जल्द वैक्सीन देनी चाहिए। एक दिन में कम से कम 50 लाख डोज देने की जरूरत है।' फिलहाल, किसी एक दिन में सबसे ज्यादा कोरोना डोज देने का रेकॉर्ड 30 लाख है।
एस्ट्राजेनेका वैक्सीन पर 12 यूरोपीय देशों ने रोक लगा दी है। जब उनसे यह पूछा गया कि एस्ट्राजेनेका वैक्सीन यानी कोविशील्ड को लेकर क्या भारत को चिंतित होने की जरूरत है तो उन्होंने जवाब था- नहीं। गुलेरिया ने कहा, 'यूरोप और ब्रिटेन में अब तक 7 करोड़ से ज्यादा लोगों को एस्ट्राजेनेका वैक्सीन लगाई गई है। भारत में 3 करोड़ से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगी है, इसमें बड़ी तादाद में कोविशील्ड वैक्सीन लेने वाले हैं। लेकिन खून के थक्का बनने का कोई मामला सामने नहीं आया। इसलिए भारत को चिंतित होने की जरूरत नहीं है।' दरअसल, कुछ यूरोपीय देशों और थाईलैंड ने खून का थक्का जमने की रिपोर्ट्स के बाद एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन पर रोक लगा दी है।
अब अचानक केस क्यों बढ़ने लगे हैं, इस सवाल के जवाब में गुलेरिया ने कहा कि लोग लापरवाह हो गए हैं। उन्होंने कहा, 'लोग ऐसा मानकर चल रहे हैं कि महामारी खत्म हो गई है इसलिए वे किसी भी नियम का पालन नहीं कर रहे हैं। मास्क नहीं लगा रहे। भीड़ हो रही है। इस वजह से केस बढ़ रहे हैं। इसके अलावा कुछ ऐसे नए स्ट्रेन आए हैं जो और ज्यादा तेजी से फैल सकते हैं। इसलिए लोगों को नियमों का सख्ती से पालन करना चाहिए।'
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