धर्मांतरण कानून: 5 साल की सजा का फैसला आया, जानें पूरा मामला
पहली सजा हुई.
अमरोहा: उत्तर प्रदेश के अमरोहा में धर्मांतरण के मामले में पोक्सो एक्ट अदालत ने आरोपी को महज 17 महीने में 5 साल की सजा सुनाई है. साथ ही 40 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. फिलहाल पीड़ित परिवार अदालत के निर्णय से खुश है.
गजरौला थाना इलाके में एक नर्सरी पर पहुंचा अफजल अपनी पहचान और नाम छिपाकर खुद को हिंदू बताता था. आरोपी ने किसी तरह नर्सरी मालिक की बेटी का मोबाइल नंबर ले लिया था और चैटिंग करने लगा, जिसके बाद लड़की को शादी का झांसा देकर ले भागा. शातिर अफजल ने अरमान कोहली बनकर महज एक महीने में ही युवती को अपने घर से भागने पर मजबूर कर दिया था.
पुलिस ने इस पूरे मामले में त्वरित कार्यवाही करते हुए मुकदमा दर्ज कर आरोपी को नई दिल्ली के उस्मानपुर थाना इलाके से बरामद कर लिया. इसके बाद दोनों को कोर्ट में पेश कर दिया गया, जहां आरोपी को जेल भेज दिया गया. उसके बाद पोक्सो एक्ट में पूरे मामले की सुनवाई होने लगी.
अदालत ने महज 17 महीने के भीतर ही आरोपी अफजल को धर्म छिपाकर और नाम छिपाकर खुद को हिंदू बताकर लव जेहाद के मामले में 5 साल की सजा सुनाई. इसके अलावा ₹40000 का जुमाना भी ठोका. फिलहाल पीड़ित परिवार आरोपी को सुनाई गई सजा से खुश है.
बता दें कि अमरोहा की अदालतों में पहले भी इस तरह के मामलों में महज 6 दिन में ही त्वरित सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सजा सुनाई है, लेकिन धर्मांतरण कानून के तहत पूरे उत्तर प्रदेश में अलग-अलग थानों में हुए दर्ज मुकदमों की सुनवाई का यह पहला मामला है, जहां इतने कम समय में जल्द सजा सुनाई गई है.
गौरतलब है कि योगी आदित्यनाथ सरकार के उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश 2020 कानून के तहत कार्यवाही की गई है. इस कानून में धर्म छिपाकर शादी करने पर 10 साल तक की सजा का प्रावधान है. इसके अलावा 15000 से 50000 रुपये तक का जुर्माना हो लगाया जा सकता है.