सोनिया गांधी और लालू यादव के बीच बातचीत, कांग्रेस नेता क्यों कर रहे इनकार?

कांग्रेस-राजद के बीच तल्खी (Congress-RJD Tussle) की खबरों के बीच बिहार विधानसभा उपचुनाव के चुनाव प्रचार के लिए निकलने से पहले बुधवार को लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) ने दावा किया था कि उनकी सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) से टेलिफोन पर बातचीत हुई है

Update: 2021-10-28 07:52 GMT
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पटना. कांग्रेस-राजद के बीच तल्खी (Congress-RJD Tussle) की खबरों के बीच बिहार विधानसभा उपचुनाव के चुनाव प्रचार के लिए निकलने से पहले बुधवार को लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) ने दावा किया था कि उनकी सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) से टेलिफोन पर बातचीत हुई है. राजद नेता ने मीडिया से बताया कि सोनिया गांधी ने उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली और साथ ही, उन्हें लंबे समय के बाद राजनीति में सक्रिय होने पर बधाई दी. इस बातचीच में लालू प्रसाद ने सोनिया गांधी को भाजपा (BJP) के खिलाफ बने मोर्चे का नेतृत्व करने का न्योता दिया. जाहिर है लालू प्रसाद का यह बयान आने के बाद कांग्रेस में खलबली मच गई. बिहार कांग्रेस प्रभारी भक्त चरण दास (Bhakt Charan Das) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसे निराधार बताते हुए कहा कि लालू झूठ बोलकर भ्रम फैला रहे हैं. अब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अनिल शर्मा ने सोनिया गांधी से लालू प्रसाद यादव द्वारा बातचीत के दावे को शिगूफा करार दिया है.

अनिल शर्मा ने लालू प्रसाद यादव के उस दावे को खारिज किया है, जिसमें लालू ने राजद से अलग होने पर कांग्रेस को नुकसान होने क का दावा किया था. अनिल शर्मा ने कहा कि हकीकत इसके उलट है क्योंकि कांग्रेस से अलग होने पर राजद को हर वक्त भारी नुकसान उठाना पड़ा है. राजद और जदयू को परजीवी और अमरलता भी बताते हुए अनिल शर्मा ने कहा कि दूसरे दलों के साथ मिलकर यह पार्टियां दूसरों के भरोसे अपना अस्तित्व बचाकर रखती हैं.
इसके पहले बिहार प्रभारी ने बुधवार को पटना के कांग्रेस कार्यालय सदाकत आश्रम में संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि लालू प्रसाद का यह कहना कि उनकी सोनिया गांधी से बातचीत हुई है, निराधार है. अगर बातचीत होती तो मुझे जानकारी होती. कुछ लोग भ्रम फैलाने में माहिर होते हैं. चुनाव के समय इस जंग के मैदान में राजद वही कर रहा है. मतदाता इनके झांसे में नहीं आएं.
कांग्रेस विधायक शकील अहमद खान ने भी यही दावा करते हुए कहा कि लालू प्रसाद ऐसी बयानबाजी के लिए जाने जाते हैं. जब उन्हें लग रहा है कि कांग्रेस की चुनावी सभाओं में भीड़ उमड़ रही है तो वे मतदाताओं को भरमाने के लिए ऐसी बयानबाजी कर रहे हैं. यह उनकी चालाकी है. वे खुद भाजपा के साथ मिलकर सरकार चला चुके हैं. वर्ष 1989 में संसद में उन्होंने कहा था कि कांग्रेस को शिकस्त देने के लिए भाजपा-आरएसएस के साथ जा रहे हैं.
कांग्रेस नेताओं के लालू यादव और सोनिया गांधी के बीच बातचीत से इनकार पर अब राजद के सांसद मनोज झा की भी प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने कहा, अ भी ऐसा दौर नहीं आया है कि सोनिया जी को इसके लिए किसी से पूछकर बात करनी पड़े. जिन्हें लालू यादव और सोनिया गांधी के बीच संबंधों की जानकारी नहीं है वही इस तरह की बातें कर सकते हैं. कांग्रेस की तरफ से हुई बयानबाजी की हमें उम्मीद नहीं थी, लेकिन जनता के बीच का उधार सभी बयानों पर भारी पड़ता है. लोग गठबंधन को इस संदर्भ में देख रहे हैं कि जेडीयू बीजेपी की सरकार को शिकस्त कौन दे सकता है? ऐसे में विकल्प के तौर पर आरजेडी ही है.
मनोज झा ने तारापुर और कुशेश्वरस्थान में राजद की जीत का दावा करते हुए आगे कहा, हम लोग उम्मीद करते हैं कि इन तमाम चीजों की जानकारी कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व को है. तारापुर या कुशेश्वरस्थान लोग इसे चुनाव नहीं इसे उपकरण मान रहे हैं, इसे सत्ता बदलाव का उपकरण मान रहे हैं. शासनादेश की वजह से जो सरकार बनने से नवंबर के महीने में रोक दी गई थी, वो सरकार बन जाएगी.
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