घमासान शुरू: ड्रग तस्कर के आड़ में कांग्रेस नेता की फोन टैपिंग, जांच के लिए समिति का गठन
अमजद खान नाम के ड्रग तस्कर के आड़ में टैपिंग.
महाराष्ट्र में फोन टैपिंग के आरोपों पर घमासान शुरू हो गया है. महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कुछ ही दिन पहले विधानसभा में आरोप लगाया था कि साल 2016-17 में जब वो बीजेपी के सांसद थे तब उनका फोन टैप किया जा रहा था. बता दें कि नाना पटोले पहले बीजेपी के सांसद थे. बाद में पीएम नरेंद्र मोदी और देवेंद्र फडणवीस से मतभेद के बाद उन्होंने बीजेपी छोड़ कांग्रेस ज्वॉइन कर ली थी.
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार ने नाना पटोले के आरोपों का समर्थन किया है. पवार ने कहा है कि नाना पटोले के आरोपों में दम है. उन्होंने कहा कि अगर राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से फोन टैपिंग की जाती है तो फिर ठीक है लेकिन अगर ऐसा राजनीतिक लाभ के लिए किया जा रहा था तो ये कानून के खिलाफ है.
पटोले के आरोपों से सनसनी
नाना पटोले के आरोप महाराष्ट्र की पूर्ववर्ती देवेंद्र फडणवीस सरकार पर सीधा हमला है. पटोले ने महाराष्ट्र में मॉनसून सत्र के दौरान विधानसभा में दावा किया था कि साल 2016-17 में जब वो बीजेपी के सांसद थे और राज्य में फडणवीस की सरकार थी उस दौरान एक फेक नाम पर उनका फोन टैप किया गया था.
अमजद खान नाम के ड्रग तस्कर के आड़ में टैपिंग
पटोले के अनुसार तब अमजद खान नाम के ड्रग तस्कर के नाम की आड़ में उनका फोन टैप किया जा रहा था. बता दें कि नाना पटोले अभी महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष हैं और विदर्भ क्षेत्र के सकोली विधानसभा से विधायक हैं.
जांच के लिए कमेटी
नाना पटोले के इन आरोपों ने महाराष्ट्र की सियासत में सनसनी ला दी है. महाराष्ट्र के गृह मंत्री इन आरोपों की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन कर दिया है.
ये कमेटी राज्य के डीजीपी संजय पांडेय की अध्यक्षता में बनाई गई है. इसमें इंटेलिजेंस विभाग के कमिश्नर और स्पेशल ब्रांच के कमिश्नर सदस्य हैं. ये कमेटी 2015-19 के बीच फोन टैपिंग के मामलों की स्क्रूटनी करेगी और ये देखेगी क्या इसके पीछे कोई राजनीतिक मकसद था. गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने कहा है कि अगर इन फोन टैपिंग के पीछे राजनीतिक मंशा पाई जाती है तो कार्रवाई की जाएगी. ये कमेटी तीन महीनों में अपनी रिपोर्ट देगी.
अजित पवार ने किया समर्थन
इस मामले में अजित पवार ने नाना पटोले की फोन टैपिंग के आरोपों में सच्चाई है. उन्होंने कहा कि झूठे नाम देकर नेताओं और जनप्रतिनिधियों के फोन टैप किए गए. नाना पटोले के मामले में भी ऐसा ही हुआ है. इसकी जांच के लिए राज्य गृह मंत्रालय ने एक उच्च स्तरीय समिति की घोषणा की है.
डिप्टी सीएम ने कहा कि अगर ये राष्ट्रीय सुरक्षा या सार्वजनिक सुरक्षा के लिए किया गया है तब तो ठीक है. लेकिन अगर निजी फायदे के लिए के लिए राजनीतिक नेताओं और जनप्रतिनिधियों के फोन टैप किए गए, तो पूरी तरह से गलत है.