बंगले को लेकर खींचतान: ज्योतिरादित्य सिंधिया को नहीं मिल पा रहा पसंदीदा सरकारी बंगला, सामने आई ये वजह

Update: 2021-08-13 05:09 GMT

मोदी सरकार के पूर्व और मौजूदा मंत्री के बीच एक बंगले को लेकर खींचतान शुरू हो गई है। हाल ही में कैबिनेट से हटाए गए पूर्व शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने 27 सफदरजंग रोड पर स्थित बंगले को खाली करने से इनकार कर दिया है। मंत्री के तौर पर उन्हें यह बंगला मिला था, जिसे उनको अब नियमों के मुताबिक एक महीने में खाली करना था। लेकिन वह इसी में बने रहना चाहते हैं और कहा जा रहा है कि उन्हें डायरेक्टोरेट ऑफ एस्टेट्स से इसकी परमिशन भी मिल गई है। लेकिन बात यहां आकर फंस गई है कि इसी बंगले में नए नागरिक उड्डयन मंत्री बने ज्योतिरादित्य सिंधिया रहना चाहते हैं।

सफदरजंग के मकबरे के पास लुटियन दिल्ली में स्थित इस बंगले पर सिंधिया परिवार लंबे समय से रहता रहा है। खुद ज्योतिरादित्य सिंधिया भी 2019 में लोकसभा चुनाव हारने तक इसी बंगले में रह रहे थे। इससे पहले उनके पिता माधवराव सिंधिया भी यहीं सालों तक रहे। यहां तक कि उन्होंने इसी बंगले पर अंतिम सांस ली थी। कहा जा रहा है कि इसी के चलते सिंधिया का इस बंगले से खास लगाव है और वे इसमें ही शिफ्ट होना चाहते हैं। इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक बीते साल जब वह बीजेपी में शामिल हुए तो उन्हें तीन बंगलों का ऑफर दिया गया, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया।
फिलहाल वह आनंद लोक में स्थित अपने निजी आवास में ही रह रहे हैं। 1980 में माधवराव सिंधिया को राजीव गांधी की कैबिनेट में मंत्री बनाया गया था। तब उन्हें यह बंगला मिला था और यहीं वह अपनी मीटिंग्स करते थे। बता दें कि नेताओं के बीच बंगलों को लेकर इस तरह का आग्रह नया नहीं है। हाल ही में एलजेपी के नेता चिराग पासवान को भी उनके उस घर को खाली करने का आदेश दिया गया था, जिसमें बतौर मंत्री रामविलास पासवान रहा करते थे। चिराग पासवान ने इसमें बने रहने के लिए गुहार भी लगाई थी, लेकिन अंत में उन्हें इसके लिए आदेश दिया गया है।

Tags:    

Similar News

-->