प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर बीबीसी डॉक्यूमेंट्री पर खड़ा हुआ विवाद, क्या बोला अमेरिका? जानिए

Update: 2023-01-26 07:49 GMT

न्यूज़ क्रेडिट: आजतक

नई दिल्ली: ब्रिटिश ब्रॉडकास्टर बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री विवादों के घेरे में है. पीएम मोदी पर बनी बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री 'इंडियाः द मोदी क्वेश्चन' को भारत सरकार ने 'प्रोपेगैंडा' करार देते हुए बैन कर दिया है.
भारत में बैन बीबीसी डॉक्यूमेंट्री को अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने प्रेस की स्वतंत्रता का मामला बताया है. अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा है कि अमेरिका दुनिया भर में प्रेस और अभिव्यक्ति की आजादी जैसे लोकतांत्रिक सिद्धांतों का समर्थन करता है.
बुधवार को डेली प्रेस ब्रीफिंग के दौरान अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस से पाकिस्तानी न्यूज चैनल एआरवाई ने भारत में बीबीसी डॉक्यूमेंट्री बैन को लेकर सवाल किया था. अमेरिकी प्रवक्ता ने इसे प्रेस की स्वतंत्रता का मामला बताते हुए कहा कि भारत समेत पूरी दुनिया में अभिव्यक्ति की आजादी जैसे लोकतांत्रिक सिद्धांतों के महत्व को उजागर करने और दुनिया भर में इसे मुद्दा बनाने का सही समय है.
इससे पहले सोमवार को एक प्रेस ब्रीफिंग को संबोधित करते हुए नेड प्राइस ने कहा था कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बनी बीबीसी डॉक्यूमेंट्री से परिचित नहीं हैं. लेकिन दोनों देशों के बीच कई ऐसे तत्व हैं जो भारत के साथ अमेरिका की वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करते हैं, जिसमें राजनीतिक, आर्थिक और असाधारण रूप से लोगों के बीच संबंध शामिल हैं.
नेड प्राइस ने कहा, मैं उन साझा मूल्यों से भली-भांति परिचित हूं जो अमेरिका और भारत को दो संपन्न और जीवंत लोकतंत्र के रूप में स्थापित करते हैं. जब हमें भारत में की जाने वाली कार्रवाइयों के बारे में चिंता होती है, तो हम संबंधित लोगों के सामने इसे जरूर उठाते हैं.
बीबीसी डॉक्यूमेंट्री बैन पर पाकिस्तानी मूल के सांसद इमरान हुसैन ने ब्रिटेन की संसद में सवाल उठाया था. इसके जवाब में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने पीएम नरेंद्र मोदी का बचाव करते हुए कहा था कि वह अपने भारतीय समकक्ष (प्रधानमंत्री) के चरित्र चित्रण से सहमत नहीं हैं.
सुनक ने कहा था कि इस मुद्दे पर ब्रिटेन सरकार की स्थिति स्पष्ट है. यूके का जो स्टैंड लंबे समय से चला आ रहा है, वह बदला नहीं है. उन्होंने यह भी कहा था कि हम कहीं भी और किसी भी उत्पीड़न को बर्दाश्त नहीं करते हैं. मैं उस चरित्र चित्रण से बिल्कुल सहमत नहीं हूं जो नरेंद्र मोदी के बारे में किया गया है.
बीबीसी का दावा है कि उन्होंने 2002 गुजरात दंगों से जुड़े कुछ पहलू की पड़ताल करते हुए यह डॉक्यूमेंट्री बनाई है. 2002 में नरेंद्र मोदी गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री थे.
भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस डॉक्यूमेंट्री को प्रोपैगेंडा करार दिया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा था, "हमें लगता है कि यह एक प्रोपैगेंडा पीस है. इस डॉक्यूमेंट्री को प्रचार के लिए बनाई गई है. इसकी कोई वस्तुनिष्ठता (objectivity) नहीं है. यह पूर्णरूपेण पक्षपातपूर्ण है. हम इस पर ज्यादा जवाब नहीं देना चाहते हैं जिससे इसे अधिक गरिमा न मिले."
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