केरल में कोरोना मामलों में लगातार बढ़ोतरी, बीजेपी प्रवक्‍ता के बोल- तुष्टीकरण की राजनीति का नतीजा, वीडियो देखें

Update: 2021-07-28 11:10 GMT

नई दिल्‍ली. केरल (Kerala) में कोरोना (Corona) के बढ़ते केस को लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रवक्‍ता संबित पात्रा (Sambit Patra) ने विपक्षी दलों (Opposition Party) पर निशाना साधा है. मीडिया से बात करते हुए संबित पात्रा ने कहा, केरल में कोरोना के मामले बढ़ने के पीछे तुष्‍टीकरण की राजनीति जिम्‍मेदार है. उन्‍होंने कहा, जब देश में कोरोना के केस बढ़ रहे थे तो कांग्रेस नेता राहुल गांधी संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग कर रहे थे और जब संसद सत्र चल रहा है तो राहुल गांधी किसी भी विषय पर चर्चा करने को तैयार नहीं हैं. संबित पात्रा ने कहा, विपक्ष को कभी ये नहीं भूलना चाहिए कि देश सबकुछ देख रहा है. संसदी में कौन की पार्टी क्‍या कर रही है जनता को सब अब लाइव दिखाई देता है.

संबित पात्रा ने कहा, आज कोरोना के 50 प्रतिशत से अधिक केस केरल से सामने आ रहे हैं. आज आंकड़ों के माध्‍यम से देखें तो केरल के अंदर 22 हजार केस एक दिन में आए हैं. अखबारों ने केरल में बढ़ते मामलों पर लिखा है कि ये कोरोना की दूसरी लहर न होकर कोई नई लहर दिखाई पड़ती है. ये बहुत ही गंभीरता और चिंता का विषय है. इसके लिए जिम्‍मेदार कौन है. केरल में 6 जून के बाद सबसे ज्‍यादा केस सामने आए हैं. केरल में कहीं न कहीं सरकार से गलती हुई है, जिससे कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं. केरल में इस समय 33 लाख कोरोना केस हैं.
बीजेपी प्रवक्ता ने केरल सरकार पर तुष्टीकरण की राजनीति का आरोप लगाते हुए कहा, 'कांवड़ यात्रा को लेकर उत्‍तराखंड और यूपी सरकार ने गंभीरता दिखाई और यात्रा को रोक दिया. कांवड़ यात्रा को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने जो दिशा-निर्देश दिए उसका पालन किया गया. लेकिन बकरीद के दौरान केरल में तीन दिन की जो छूट दी गई थी उसे लेकर सुप्रीम कोर्ट भी चिंतित था. सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा था कि केरल सरकार कांवड़ यात्रा को दिए गए कोर्ट के आदेशों का पालन करे. मुझे दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि केरल सरकार ने ऐसा नहीं किया. तुष्टीकरण की राजनीति जीती और सुप्रीम कोर्ट के आदेश को केरल सरकार ने नहीं माना. संबित पात्रा ने कहा, बीजेपी को छोड़कर कोई पार्टी केरल में बढ़ रहे कोरोना केस को लेकर चिंतित नहीं है.
संबित पात्रा ने कहा, राहुल गांधी कह रहे हैं विपक्ष एक साथ हैं. 2019 लोकसभा चुनाव से पहले भी ऐसी तस्‍वीर आई थी लेकिन क्‍या हुआ था. जनता जनार्दन सब जानती है. गठबंधन में शामिल दल केवल अपने परिवार के बारे में सोचते हैं. उनकी एक ही मंशा है अपने परिवार को बचाने की. आपको क्‍या लगता है कि अखिलेश यादव, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी चाहती हैं कि देश का स्‍वर्णिम युग आ जाए. कदाचित नहीं. ये सभी चाहते हैं कि किसी तरह हमारे बच्‍चे राजनीति में सेटल हो जाएं. वहीं हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की केवल एक ही मंशा है कि हिंदुस्‍तान विकास के पथ पर आगे बढ़े.


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