संविधान निर्माता भीमराव आंबेडकर की आज पुण्यतिथि, जानिए उनके बारे में सबकुछ

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Update: 2021-12-06 01:41 GMT

नई दिल्लीः देश के संविधान निर्माता भीमराव आंबेडकर की आज पुण्यतिथि है. आज ही के दिन यानी कि 6 दिसंबर 1959 को उनका निधन हुआ था. आज आपको बताते हैं आंबेडकर के जीवन से जुड़े उन सभी सवालों के जवाब जो अक्सर उनसे जुड़े रहते हैं. अगर आपके मन में भी ऐसे सवाल हैं तो आपको यहां उन सभी के जवाब मिल जाएंगे.

कौन हैं डॉ. भीम राव आंबेडकर
भारत के स्वतंत्रता संग्राम के प्रथम पंक्ति के नेता, जिन्होंने भारतीय संविधान का निर्माण किया. आंबेडकर बचपन से ही मेधावी और संघर्षशील थें. उनका पूरा नाम भीमराव रामजी आम्बेडकर था.
आंबेडकर का जन्म कब और कहां हुआ.
आंबेडकर का जन्म 14 अप्रेल 1891 को मध्य प्रदेश के इंदौर जिले के महू नगर में हुआ था, गौरतलब है कि वर्ष 2003 में इस शहर का नाम महू से बदलकर डॉ. आंबेडकर नगर कर दिया गया है. उनका परिवार मूलतः मराठी था और धार्मिक तौर पर कबीर पंथी था.
आंबेडकर की शिक्षा यात्रा
भारत के प्रथम कानून मंत्री आंबेडकर की प्राथमिक शिक्षा सातारा नगर के राजवाड़ा चौक पर स्थित गवर्न्मेण्ट हाईस्कूल में अंग्रेजी की पहली कक्षा में प्रवेश लेने से शुरू हुआ. 1997 में उनका परिवार मुम्बई चला गया और उनकी माध्यमिक तक कि शिक्षा फिर मुम्बई की एल्फिंस्टोन रोड पर स्थित गवर्न्मेंट हाईस्कूल में हुई.
आंबेडकर की उच्च शिक्षा का आरंभ बॉम्बे विश्वविद्यालय से हुई, उन्होंने वहां से स्नातक डिग्री प्राप्त की.1913 ई० में आंबेडकर अमेरिका चले गए और वहां की कोलंबिया विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर की शिक्षा प्राप्त की.
अमेरिका के बाद वो लंदन गए और वहां के लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में "इवोल्युशन ओफ प्रोविन्शिअल फिनान्स इन ब्रिटिश इंडिया" के टॉपिक पर उनके शोध कार्य किया जिसके लिए अर्थशास्त्र में उन्हें पीएचडी की डिग्री मिली.लंदन प्रवास के दौरान ही उन्होंने लॉ की शिक्षा भी प्रारम्भ कर ली.1922 में वो दोबारा लंदन गए और एम.एस.सी की डिग्री और लॉ की अपनी अधूरी डिग्री भी पूरी की.इसके बाद भी उन्होंने शिक्षा जारी रखी और कुल चार पीएचडी डिग्री हासिल की.
कौन कौन सी किताबें लिखीं आंबेडकर ने
आंबेडकर अपने दौर के सभी राजनेताओं से ज्यादा पठन पाठन में संलग्न रहें. ग्यारह अलग अलग भाषाओं पर पकड़ रखने वाले आंबेडकर ने कुल 32 किताबें, 10 वक्तव्य के साथ चार रिसर्च थीसिस के साथ भी ढेर सारे पुस्तकों की समीक्षाएं भी लिखी.
भारतीय बौद्धों का धर्मग्रंथ',द प्रॉब्लम ऑफ द रूपी : इट्स ओरिजिन ॲन्ड इट्स सोल्युशन आदि पुस्तकें महत्वपूर्ण है. उनकी लेखनी की क्षमता का अनुमान आप इसी से लगा सकते हैं कि आज "बाबा साहेब डा. अम्बेडकर: संपूर्ण वाङ्मय" के 22 भाग प्रकाशित हो चुके हैं फिर भी उनकी रचनाओं का प्रकाशन और संकलन का कार्य चल ही रहा है.
क्यों संविधान निर्माता कहा गया आंबेडकर को
आंबेडकर भारत के आर्थिक,राजनीतिक और सामाजिक परिदृश्यों से परिचित थे. उन्हें परस्पर असंबद्ध विषयों की भी जानकारी थी. कानून और अर्थशास्त्र जैसे विषयों के ज्ञाता बाबा साहब ने दुनिया के सभी लोकतांत्रिक देशों की संबिधान का अध्ययन कर रखा था. वो भारत के लिए विस्तृत और कारगर संविधान का प्रारूप बनाने के लिए तत्कानिल समय के सर्वाधिक योग्य थे. जिस कारण भारत की संविधान का प्रारूप बनाने का कार्य दिया गया और आज हमारे पास दुनिया की सर्वाधिक वैज्ञानिक संविधान है.
दलित उत्थान के बारे में क्या था आंबेडकर का नजरिया
आंबेडकर दलित परिवार से होने के कारण बचपन से ही जातिगत भेदभाव और अस्पृश्यता के शिकार होते रहे थे. उन्होंने दलितों के उत्थान के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया. उन्होंने ने अपने प्रसिद्ध पुस्तक " हू वेर दी शूद्राज़" में दलितों की समस्याओं पर लेख लिखे. समानता के साथ आरक्षण की व्यवस्था की भी वकालत की.
कैसा था आंबेडकर का सामाजिक जीवन
आंबेडकर का सामाजिक जीवन बहुत साधारण था. आंबेडकर उच्च शिक्षित और स्वभाव से सरल व्यक्ति थे. सामाजिक समस्याओं को लेकर उनका नजरिया यथार्थवादी था.
बौद्ध धर्म मे दीक्षित होने के क्या कारण थे आंबेडकर के
आंबेडकर के बौद्ध धर्म में दीक्षित होना का कारण था. हिंदुओं में व्याप्त अस्पृश्यता जैसी सामाजिक बीमारी.इसिलए आंबेडकर ने इस्लाम भी कबूल न करके बौद्ध धर्म को चुना.
कैसे हुई आंबेडकर की मृत्यु
6 दिसंबर 1956 ई में खराब स्वास्थ्य के कारण आंबेडकर की मृत्यु हो गई. यह घड़ी भारत के लिए अत्यंत कठिन थी.
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