महेश भट्ट की हत्या का साजिश, आरोपी को HC से जमानत, लेकिन रहना होगा जेल में ही
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साल 2014 में फिल्ममेकर महेश भट्ट की हत्या के लिए एक बड़ी साजिश रची गई थी. इस मामले में मुख्य आरोपी रवि पुजारी के सहयोगी ओबेद रेडियोवाला को बॉम्बे हाई कोर्ट ने गुरुवार को जमानत दे दी. लेकिन इसके बावजूद रेडियोवाला जेल से बाहर नहीं आ पाएंगे. इसकी वजह हाई कोर्ट का उसे करीम मोरानी नाम के एक फिल्मकार पर गोली चलाने के मामले में बेल नहीं देना है.
रेडियोवाला की तरफ से कोर्ट में पेश हुई वकील नाज़नीन खत्री ने कहा कि महेश भट्ट के मामले में उनके मुवक्किल के खिलाफ कोई प्रारंभिक सबूत नहीं है. वहीं सह-आरोपी के आरोप स्वीकार करने की वजह से ये मामला बनता ही नहीं है.
जस्टिस भारती डेंगरे ने मामले की सुनवाई के समय इस बात पर भी गौर किया कि रेडियोवाला पर मामले में सह-आरोपी से 3.5 लाख रुपये उधार लेने का आरोप है. लेकिन इसे संदिग्ध तरीके से नहीं देखा जा सकता, क्योंकि सह-आरोपी और रेडियोवाला दोनों भाई हैं. वहीं रेडियोवाला की वकील खत्री ने दलील दी थी कि उनके मुवक्किल ने ये राशि अपनी मां की देखभाल के लिए उधार ली थी.
इस पूरे मामले में मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने 2014 में केस दर्ज किया था. पुलिस ने इसमें 14 लोगों को आरोपी बनाया था, जिसमें से 12 की सुनवाई मकोका कानून के तहत हुई. रेडियोवाला और अन्य आरोपी सरवण इंदर सिंह उस समय वांछित आरोपी थे. मकोका की स्पेशल कोर्ट के जज ने मामले में 25 अप्रैल 2018 को फैसला सुनाया और 11 लोगों को अपराधी करार दिया. रेडियोवाला को अमेरिका से प्रत्यर्पित कर भारत लाया गया और 3 अप्रैल 2019 को कोर्ट में पेश किया गया.