कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी: पहले अपने लोगों को दें वैक्सीन, फिर भेजें विदेश

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी: पहले अपने लोगों को दें वैक्सीन, फिर भेजें विदेश

Update: 2021-04-11 18:31 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क: नई दिल्ली, देश में कोरोना की दूसरी लहर के बीच वैक्सीन की कमी के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने केंद्र सरकार के कुप्रबंधन को जिम्मेदार ठहराया है। साथ ही इस बात की पैरोकारी की है कि पहले अपने नागरिकों को वैक्सीन दी जाए और उसके बाद ही दूसरे देशों को इसकी आपूर्ति की जाए। सोनिया गांधी ने कोरोना के बढ़ते कहर से निपटने के लिए कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ शनिवार को समीक्षा बैठक के दौरान यह बात कही। कोरोना संक्रमण की गति को रोकने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष ने चुनावी रैलियों और बड़े जमावड़े वाले धार्मिक आयोजनों को रद किए जाने की जरूरत भी बताई है।

कोरोना के तेज होते कहर पर कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ सोनिया ने की बैठक
कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ हुई वर्चुअल बैठक में सोनिया ने कहा कि कोरोना का संक्रमण बढ़ रहा है। ऐसे में मुख्य विपक्षी दल होने के नाते हमारी जिम्मेदारी है कि तथ्यों को सामने लाकर सरकार को जनहित में काम करने के लिए मजबूर करें। इसके लिए जरूरी है कि केंद्र और राज्य दोनों संक्रमण और इससे होने वाली मौतों के सही आंकड़े पेश करें। कोरोना वैक्सीन की कमी पर चिंता जाहिर करते हुए सोनिया ने कहा कि मोदी सरकार ने महामारी के दौरान स्थिति का कुप्रबंधन किया है और टीके का निर्यात करके भारत में इसकी कमी होने दी है।
महामारी के बढ़ते प्रकोप में अब हमें सबसे पहले भारत में टीकाकरण अभियान पर ध्यान केंद्रित करना होगा। इसके बाद ही वैक्सीन का निर्यात या इसे उपहार स्वरूप दूसरे देशों को भेजने पर विचार करना चाहिए।कांग्रेस अध्यक्ष ने कोविड संबंधी नियमों का बिना अपवाद के पालन करने की सलाह देते हुए कहा कि चुनावों और धार्मिक आयोजनों में बड़़ी संख्या में लोगों के जमा होने से संक्रमण में तेजी आई है। इसके लिए हम सभी कुछ हद तक जिम्मेदार हैं। मौजूदा हालत में इन्हें स्थगित किया जाना चाहिए।
संक्रमण रोकने के लिए चुनावी रैलियों और धार्मिक आयोजनों को रद करने की बताई जरूरत
सोनिया ने कांग्रेस शासित राज्यों को महामारी पर नियंत्रण के लिए कड़े कदम उठाने की सलाह देते हुए कहा कि बड़े पैमाने पर कोरोना टेस्टिंग के साथ पर्याप्त चिकित्सा सुविधा स्थापित की जाए। प्रतिबंधों के सख्त और कठोर होने के कारण आर्थिक गतिविधियों में आने वाले अवरोध से प्रभावित होने वाले लोगों की सहायता के लिए भी उचित कदम उठाया जाए। इस बैठक में पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत और छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल के अलावा पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी मौजूद थे।
टीके की कमी और दूसरी लहर के लिए केंद्र सरकार के कुप्रबंधन को ठहराया जिम्मेदार
कैप्टन अमरिंदर ने बैठक में कहा कि पंजाब के पास अब केवल पांच दिनों का ही टीका बचा है। भूपेश बघेल ने कहा कि उनके सूबे में तो टीके का तीन दिन का ही स्टाक शेष रह गया है। अशोक गहलोत का कहना था कि इस हकीकत से मुंह नहीं मोड़ा जा सकता कि टीके की कमी पड़ रही है। कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रमुख रणदीप सुरजेवाला ने अमरिंदर का हवाला देते हुए कहा कि केंद्र ने राज्य को वैक्सीन की आपूर्ति और इसकी संख्या को लेकर कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया है। वहीं अशोक गहलोत का कहना था कि कोरोना से लड़ाई में केंद्र को राज्यों को भागीदार के रूप में देखना चाहिए न कि विरोधी के तौर पर। इस बैठक में महाराष्ट्र और झारखंड की गठबंधन सरकार में शामिल कांग्रेस के मंत्रियों ने भी हिस्सा लिया।


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