कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने लगाया आरोप, बोले- 'लोकसभा में पेगासस, कोरोना समेत कई अहम मुद्दों पर बात नहीं करना चाहती केंद्र सरकार'

संसद का मॉनसून सत्र (Monsoon Session) जारी है. इस बीच कांग्रेस (Congress) पेगासस मामले (Pegasus case) को लेकर सरकार पर लगातार हमला बोल रही है.

Update: 2021-07-26 11:11 GMT

संसद का मॉनसून सत्र (Monsoon Session) जारी है. इस बीच कांग्रेस (Congress) पेगासस मामले (Pegasus case) को लेकर सरकार पर लगातार हमला बोल रही है. आईटी मामलों पर संसदीय स्थायी समिति के अध्यक्ष और कांग्रेस सांसद शशि थरूर (Shashi Tharoor) ने पेगासस मामले समेत अन्य कई मामलों को लेकर एक बार फिर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है और आरोप लगाया है कि सरकार इन मुद्दों पर चर्चा करने से बच रही है. उन्होंने कहा, "सरकार ने इस हफ्ते के एजेंडे में 'पेगासस' का उल्लेख नहीं किया है. इसके अलावा, वे लोकसभा में कोविड प्रबंधन, वैक्सीन नीति और फ्यूल की कीमतों में बढ़ोतरी पर बोलना नहीं चाहती."

केंद्र से की थी पेगासस मामले पर सफाई की मांग
इससे पहले भी शशि थरूर ने पेगासस को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा था और सफाई देने की मांग की थी. उन्होंने कहा था कि पेगासस प्रोजेक्ट पर मीडिया रिपोर्ट का मुद्दा राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए चिंता की बात है और सरकार को इस पर स्पष्टीकरण देने की जरूरत है. थरूर ने कहा, "यह साबित हो गया है कि भारत में जिन फोनों की जांच की गई, उनमें पेगासस का हमला पाया गया. पेगासस स्पाइवेयर केवल सत्यापित सरकारों को ही बेचा जाता है. थरूर ने कहा, "अब सवाल यह उठता है कि कौन सी सरकार? अगर भारत सरकार कहती है कि उन्होंने ऐसा नहीं किया है और किसी दूसरी सरकार ने ऐसा किया है, तो यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक गंभीर चिंता का विषय है."
थरूर ने कहा, "अगर यह मालूम चलता है कि यह हमारी सरकार द्वारा किया गया है और इसे करने के लिए वो अधिकृत है, तो सरकार को इसपर सफाई देने की जरूरत है क्योंकि कानून केवल राष्ट्रीय सुरक्षा और आतंकवाद के मुद्दों के लिए संचार के अवरोधन की अनुमति देता है. यह अवैध है और सरकार के लिए यह जरूरी है कि वह जांच में सहयोग करे."
क्या है पेगासस मामला
कई मीडिया रिपोर्ट्स में पेगासस स्पाईवेयर के जरिए राजनेता, पत्रकार, जजों और कई अन्य लोग के लीक हुए डेटाबेस का खुलासा किया गया है. ये सॉफ़्टवेयर किसी के स्मार्टफोन में बिना यूजर की जानकारी के डिजिटल सेंधमारी कर सकता है और उसकी तमाम जानकारियां दूर से चुरा सकता है. इससे पहले साल 2019 में व्हॉट्सऐप ने इस बात की पुष्टि की थी कि उसके कुछ यूजर्स को स्पाईवेयर के जरिए टारगेट किया गया था. तब भारत समेत दुनिया भर के कई देशों में इसे लेकर हंगामा मचा था.
इससे पहले एक अंतरराष्ट्रीय मीडिया संघ ने बताया था कि भारत में दो मौजूदा मंत्रियों, 40 से अधिक पत्रकारों, तीन विपक्षी नेताओं और एक मौजूदा न्यायाधीश सहित 300 से अधिक सत्यापित मोबाइल फोन नंबरों को स्पाइवेयर के माध्यम से हैकिंग के लिए निशाना बनाया गया. रिपोर्ट के अनुसार, जिन पत्रकारों को निशाना बनाया गया, वे हिंदुस्तान टाइम्स, द हिंदू, इंडिया टुडे, इंडियन एक्सप्रेस और नेटवर्क18 सहित देश के कुछ समाचार संगठनों के लिए काम करते हैं. उनमें से कई रक्षा, गृह मंत्रालय, चुनाव आयोग और कश्मीर से संबंधित मामलों को भी कवर करते हैं.


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