भोपाल: मध्य प्रदेश के मोहन यादव मंत्रिमंडल में नए सदस्य के तौर पर शपथ लेने वाले रामनिवास रावत को लेकर कांग्रेस ने बड़ा हमला बोला है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने आरोप लगाया है कि लोकतंत्र की परंपराओं की अनदेखी करते हुए कांग्रेस विधायक को मंत्री बनाया गया।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने रामनिवास रावत के अब भी कांग्रेस विधायक होने का दावा किया है। उन्होंने कहा है कि यह स्थापित परंपरा है कि सरकार और विपक्ष अलग होते हैं, लेकिन लोकतंत्र की हत्या व कुर्सी की सौदेबाजी के लिए कुख्यात भाजपा ने कांग्रेस विधायक को ही मंत्री पद की शपथ दिला दी। यह लोकतंत्र और संविधान का प्रमाणिक अपमान है। जबकि, कांग्रेस विधायक रामनिवास रावत की विधानसभा सदस्यता समाप्त करने के लिए भी विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष पर्याप्त आधार एवं प्रमाणिकता के साथ प्रतिवेदन दिया था। दुर्भाग्य से उन्होंने भी कर्तव्य-पालन नहीं किया।
पटवारी ने आगे कहा, राज्यपाल को भी संविधान व लोकतंत्र की परंपराओं का पालन करना था। क्योंकि, वे दल नहीं, संविधान के आदेश पालन के लिए नियुक्त किए गए हैं। लेकिन, संविधान के शीर्ष पद से भी असहमति दर्ज नहीं की गई।
ज्ञात हो कि लोकसभा चुनाव के दौरान विजयपुर से कांग्रेस के विधायक रामनिवास रावत ने भाजपा की सदस्यता ली थी। कांग्रेस की ओर से लगातार रामनिवास रावत की विधानसभा की सदस्यता खत्म करने की मांग की जा रही है।
दरअसल लोकसभा चुनाव और उससे पहले कांग्रेस के तीन विधायकों ने भाजपा का दामन थामा था। इनमें से एक छिंदवाड़ा के अमरवाड़ा विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहे कमलेश शाह भी हैं जहां 10 जुलाई को उपचुनाव होना है। इसके अलावा विजयपुर से विधायक रामनिवास रावत और बीना से विधायक निर्मला सप्रे ने भी भाजपा की सदस्यता ली थी। कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए इन तीन सदस्यों में से एक को मोहन यादव मंत्रिमंडल में शामिल कर लिया गया है।