कांग्रेस विधायक दल की बैठक: विधायकों ने प्रदेश अध्यक्ष को सुनाई खरी-खोटी, किए ये मांग

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Update: 2021-06-25 01:36 GMT

रांची. झारखंड में इन दिनों कांग्रेस में कुछ ठीक नजर नहीं आ रहा है. आपसी खींचतान की लगातार आ रही खबरों के बीच अब एक बड़ी जानकारी सामने आई है. हाल ही में रांची में कांग्रेस विधायक दल की बैठक का आयोजन हुआ. इस दौरान कहने को तो राज्य के विकास को लेकर महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए लेकिन अंदरूनी बात कुछ और ही सामने आई. दरअसल ये बैठक कांग्रेस में चल रही विधायकों और पदाधिकारियों की नाराजगी को कम करने के लिए थी. डैमेज कंट्रोल को ध्यान में रखकर आयोजित इस बैठक में कुछ ऐसा हुआ कि ये अब राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है. तीन घंटे से ज्यादा समय तक चली इस बैठक में कांग्रेस विधायकों ने मिलकर प्रदेशाध्यक्ष रामेश्वर उरांव को जमकर खरी खोटी सुनाई.

दिल्ली जाने से नहीं रोक सकते
बैठक के दौरान नाराज एक विधायक ने उरांव को साफ शब्दों में कहा आप हमें किसी भी हाल में दिल्ली जाने से नहीं रोक सकते. विधायक ने कहा कि संगठन में कार्यकर्ताओं और नेताओं की ही नहीं सुनी जा रही है. वहीं अन्य विधायकों ने क्षेत्र की समस्याएं दूर नहीं होने के चलते उरांव को घेरा. बैठक में लंबे समय से चला आ रहा बॉडी गार्ड्स को लेकर विवाद भी उठा. इस दौरान विधायकों ने खास लोगों को बॉडी गार्ड देने पर भी आपत्ति जताई. इस दौरान महिला विधायकों ने भी उरांव को जमकर खरी खोटी सुनाई.
बैठक में न आने की भी बात कही
इस दौरान नराज विधायकों ने बैठक में केवल केसी बेनुगोपाल के कहने पर शामिल होने की बात कही. विधायकों ने कहा कि वे बैठक में शामिल नहीं होना चाहते थे लेकिन बेनुगोपाल के कहने पर वे आए. वहीं एक विधायक ने कहा कि यदि खुद की सरकार में ही नहीं सुनी जा रही और अधिकारी उन्हें तरजीह नहीं दे रहे तो हेमंत सोरेन सरकार से बाहर हो जाना चाहिए और जेएमएम को ही मौका देना चाहिए, बाहर से समर्थन देना चाहिए.
मीडिया को ये बताया
बैठक के बाद मीडिया को बताया गया कि इस दौरान कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा हुई और निर्णय लिए गए. मसलन
OBC को 27 प्रतिशत आरक्षण की मांग.
राज्य में लैंड बैंक का निर्माण.
ग्रामीण क्षेत्र में सड़क को अविलंब दुरुस्त करना.
3 लाख 25 हजार रिक्त पदों पर नियुक्ति.
कृषि , स्वास्थ्य , ग्रामीण इलाकों में सरकारी योजना का काम.
नई स्थानीय और नियोजन नीति का निर्माण.
कांग्रेस के इन तमाम मांगों की सूची एक 6 सदस्यीय टीम मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को सौंपेगी. झारखंड सरकार पर इस समय बेरोजगारों को रोजगार देने का दबाव सबसे ज्यादा है. कांग्रेस के विधायक भी इस मुद्दे पर सदन से लेकर सड़क तक लगातार आवाज उठाते रहे है.
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