कांग्रेस नेता सुरजेवाला की बढेंगी मुश्किलें, 6 जुलाई को मामलें में है सुनवाई
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वाराणसी। विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) एमपी-एमएलए अवनीश गौतम की अदालत ने शनिवार को 23 साल पुराने चक्काजाम, सरकारी संपत्तियों को नुकसान करने के मामले में आरोपी कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला की दाखिल अर्जी को सुनवाई के बाद खारिज कर दिया। कोर्ट ने आरोप से मुक्त करने सबंधित अर्जी को दाखिल करने के लिए छ: जुलाई को तिथि नियत की है। अभियोजन पक्ष के बहुचर्चित संवासिनी कांड में कांग्रेस नेताओं को फर्जी ढंग से आरोपित बनाए जाने के विरोध में 21 अगस्त 2000 को युवा कांग्रेस आई के आल इंडिया अध्यक्ष रणदीप सिंह सुरजेवाला, कांग्रेस नेता एसपी गोस्वामी, अशोक मिश्र , विजय शंकर पांडेय के नेतृत्व में 700, 800 कांग्रेस कार्यकर्ता आयुक्त कार्यालय परिसर के जबरदस्ती घुस आए।
मंडला आयुक्त कोर्ट में घुस कर नारेबाजी और हंगामा करने लगे। इसके बाद तोड़फोड़ भी किए। मौके पर पहुंची पुलिस ने जब समझाने का प्रयास किया तो वे लोग पुलिस से उलझ गए। जिसके बाद पुलिस टीम ने बल प्रयोग किया तो वो लोग पथराव करते हुए वहा से भागने का प्रयास करने लगे। इस दौरान पुलिस ने मौके से काग्रेस नेता सुरजेवाला , एसपी गोस्वामी आदि को गिरफ्तार किया था। इस मामले पुलिस में कैंट थाने में सैकड़ों कांग्रेस नेताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। विवेचना के बाद पुलिस ने कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया। पिछले साल सुरजेवाला समेत कई नेताओ ने कोर्ट हाजिर उपस्थित हुए तो लोअर कोर्ट ने पत्रावली के सेशन सुपुर्द करने का आदेश दिया है। इसके बाद सत्र न्यायालय के एम पी एमएलए कोर्ट पत्रावली की सुनवाई चल रही थी। इसी मामले में सुरजेवाला के तरफ से सुप्रीम कोर्ट के आदेश अनुसार पत्रावली में उपलब्ध कागजात की प्रति दी गई। इसके बाद आरोपी की ओर से एक और अर्जी दी गई की जो पत्रावली सबंधित कागजात उपालब कराई गई है वो पठनीय नही है, अस्पष्ट है। जिसे न्यायहित पठनीय प्रति उपलब्ध कराई जाए। कोर्ट ने दोनों पक्षों के सुनने के बाद अर्जी को खारिज कर दी। कोर्ट में अभियोजन की ओर से विनय सिंह ने पैरवी की।