कांग्रेस नेता सिद्धरमैया बोले- 'बादामी सीट से ही लड़ूंगा अगला विधानसभा चुनाव, अपने फैसले से नहीं हटूंगा पीछे'

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धरमैया (Siddaramaiah) ने अटकलों पर विराम लगाते हुए।

Update: 2021-07-06 15:58 GMT

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धरमैया (Siddaramaiah) ने अटकलों पर विराम लगाते हुए मंगलवार को पुष्टि की कि वह बादामी क्षेत्र (Badami) से 2023 का विधानसभा चुनाव लड़ेंगे. साल 2018 के विधानसभा चुनाव में मैसूरू सीट छोड़कर बादामी से चुनाव लड़ने और जीतने वाले सिद्धरमैया ने उन्हें स्वीकार करने के लिए बादामी के लोगों का आभार व्यक्त किया और कहा कि वह सदैव उनके कर्जदार रहेंगे.

पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने कहा, "आपने यहां आकर मुझसे कहा कि मैं बादामी से अगला चुनाव लडूं. क्या मैंने कभी कहा कि मैं बादामी से चुनाव नहीं लड़ूंगा? यह सच है कि लोग आपकी ही तरह सम्मानपूर्वक मुझे कोप्पल, कामराजपेट, कोलार जैसे अन्य निर्वाचन क्षेत्रों से चुनाव लड़ने के लिए आमंत्रित कर रहे हैं. "
'बादामी से ही लड़ूंगा अगला चुनाव'
बादामी से आए अपने समर्थकों और पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए सिद्धरमैया ने कहा कि चुनाव अभी एक साल और दस महीने दूर है और वह राज्य विधानसभा में पहले ही बादामी से अगला चुनाव लड़ने के बारे में कह चुके हैं और इससे पीछे नहीं हटेंगे. उन्होंने कहा, "मैं बादामी निर्वाचन क्षेत्र से विधायक हूं और आप सभी तथा जनता की इच्छा के अनुसार मैं एक बार फिर बादामी से चुनाव लड़ूंगा."
पार्टी के भीतर पिछले कुछ समय से अटकलें लगाई जा रही थीं कि उत्तरी कर्नाटक के बादामी क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले नेता प्रतिपक्ष सिद्धरमैया अगले आम चुनाव के लिए पुराने मैसूरू क्षेत्र या बेंगलुरू में अपने गृह क्षेत्र में लौट सकते हैं. कर्नाटक विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सिद्धरमैया ने कुछ दिनों पहले कहा था कि 2023 में राज्य विधानसभा के लिए होने वाले चुनाव में कांग्रेस के भीतर मुख्यमंत्री पद के चेहरे को लेकर अब तक चर्चा नहीं हुई है.
चुनाव में अभी एक साल 10 महीने का समय
उन्होंने कांग्रेस की राज्य इकाई में मूल बनाम प्रवासी के विवाद से भी इनकार किया था. राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने कहा था कि इस पर (अगले मुख्यमंत्री पद के चेहरे पर) बिल्कुल चर्चा नहीं हुई है. चुनाव में अब भी एक साल 10 महीने का समय है. चुनाव के बाद नए विधायक आएंगे और उनकी राय पर पार्टी नेतृत्व फैसला लेगा, ऐसे में अभी क्यों चर्चा की जाए.'' मालूम हो कि सिद्धरमैया जनता दल (सेक्युलर) से निष्कासित होने के बाद वर्ष 2006 में अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस में शामिल हुए थे और वर्ष 2013 में राज्य के मुख्यमंत्री बने थे.
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