कांग्रेस ने जारी की एडवाइजरी, पार्टी के इन नेताओं पर होगी अनुशासनात्मक कार्रवाई

Update: 2022-09-30 00:50 GMT

सोर्स न्यूज़  - आज तक  

दिल्ली। कांग्रेस की अंदरूनी राजनीति में इस वक्त काफी उठा-पटक मची हुई है. राजस्थान में अशोक गहलोत बनाम सचिन पायलट की लड़ाई खुलकर सबके सामने आ गई है. इस मौके पर पार्टी के नेता एक दूसरे के खिलाफ टीका टिप्पणी करने से भी परहेज नहीं कर रहे हैं. ऐसे में अब कांग्रेस ने अपनी पार्टी के नेताओं को अंदरूनी मामलों पर टीक-टिप्पणी करने से बचने की सलाह जारी की है. पार्टी ने जारी एडवाइजरी में कहा है कि इसके बाद भी बाज ना आने वाले नेताओं के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.

एडवाइजरी में कहा गया है कि अगर कोई इसका उल्लंघन करता है तो कांग्रेस के संविधान के प्रावधानों के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी. बता दें कि राजस्थान में जारी सियासी घटनाक्रम के बीच सीएम अशोक गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव लड़ने से इनकार कर चुके हैं.

गहलोत ने यह बात सोनिया गांधी से 10 जनपथ स्थित उनके घर पर मुलाकात के बाद कही थी. गहलोत ने कहा था कि उन्होंने कोच्चि में राहुल गांधी से मुलाकात की और उनसे कांग्रेस अध्यक्ष के लिए चुनाव लड़ने का अनुरोध किया. जब उन्होंने मना कर दिया तो मैंने उनसे कहा कि मैं कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ूंगा. लेकिन अब उस घटना (राजस्थान में राजनीतिक संकट) के कारण मैंने चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है. इस दौरान उन्होंने अपने वफादारों के द्वारा किए गए हंगामे के लिए माफी भी मांगी. गहलोत ने आगे कहा था कि पिछले दो दिनों में राज्य में जो कुछ भी हुआ, उसने सभी को झकझोर कर रख दिया. मैंने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से बातचीत की. दो दिन पहले जो कुछ भी हुआ उसने हमें झकझोर दिया. इससे संदेश गया कि मैं सीएम ही बने रहना चाहता था. मैंने सोनिया गांधी से माफी मांगी.

गहलोत ने आगे कहा कि वे ऐसे माहौल में चुनाव नहीं लड़ेंगे. गहलोत ने कहा कि मैं इस माहौल में नैतिक जिम्मेदारी के साथ चुनाव नहीं लड़ूंगा. यह पूछे जाने पर कि क्या वह राजस्थान के सीएम बने रहेंगे, गहलोत ने कहा कि वे यह तय नहीं करेंगे. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी यह तय करेंगी. राजस्थान के सीएम ने कहा कि एक लाइन का प्रस्ताव हमारी परंपरा रही है. दुर्भाग्य से ऐसी स्थिति पैदा हो गई कि प्रस्ताव पारित नहीं हो सका. प्रस्ताव पारित कराना मेरी नैतिक जिम्मेदारी थी, लेकिन मुख्यमंत्री होने के बावजूद मैं इसे पारित नहीं करा सका. पत्रकारों से बात करते हुए गहलोत ने कहा कि पार्टी कांग्रेस अध्यक्ष के अधीन काम करती है.

दिग्विजय ने साफ किया है कि वे शुक्रवार को अपना नामांकन दाखिल करेंगे. हालांकि, ये स्पष्ट नहीं हो सका कि दिग्विजय को पार्टी हाइकमान ने समर्थन दिया है या नहीं. ये बात दिग्विजय सिंह ने खुद स्वीकार की और कहा है कि उन्होंने स्वयं चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है. सूत्रों का कहना है कि पार्टी हाइकमान दलित उम्मीदवार के नाम पर विचार कर रहा है. इसमें मल्लिकार्जुन खड़गे को सबसे आगे चल रहा है. इसके अलावा, मीरा कुमार, मुकुल वासनिक (G-23) और कुमारी शैलजा का नाम भी चर्चा में है. फिलहाल, खड़गे शुक्रवार सुबह सोनिया गांधी से मुलाकात करेंगे. इस मुलाकात पर सभी की निगाहें टिकी हैं. हाइकमान से स्वीकृति मिलने पर खड़गे चुनावी मैदान में उतर सकते हैं.


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