नई दिल्ली: हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की हार के बाद उनसे अपनी पार्टी को लेकर जब सवाल किया गया तो उन्होंने उस पर कोई रिएक्शन देने से साफ मना कर दिया. केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा है कि कांग्रेस मेरा अतीत था और मैं अपने अतीत पर अपना समय बर्बाद नहीं करना चाहता. पीएम नरेंद्र मोदी ने पिछले 7 वर्षों में एक जन-केंद्रित सरकार बनाई है. हमें विश्वास है कि हम 2023 में मध्य प्रदेश राजस्थान और छत्तीसगढ़ में सरकार बनाएंगे. देश की जनता ने एक ऐतिहासिक नतीजा डबल इंजन की सरकार को दिया है.
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ये बयान ऐसे समय में दिया है, जब कांग्रेस में नेतृत्व परिवर्तन की लगातार मांग उठ रही है और आज ही कांग्रेस कार्य समिति की बैठक हुई थी. उम्मीद की जा रही थी कांग्रेस के नेतृत्व परिवर्तन को लेकर इस मीटिंग में कोई बड़ा फैसला किया जा सकता है. वहीं दूसरी ओर कांग्रेस की शीर्ष नीति निर्धारक इकाई कांग्रेस कार्य समिति (CWC) ने हालिया विधानसभा चुनावों में पार्टी की करारी शिकस्त पर रविवार को मंथन करने के साथ ही पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से आग्रह किया गया कि वह संगठनात्मक चुनाव संपन्न होने तक अध्यक्ष बनी रहें और पार्टी को मजबूत बनाने के लिए जरूरी कदम उठाएं.
पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल के मुताबिक, सीडब्ल्यूसी की बैठक में यह फैसला भी किया गया कि संसद का बजट सत्र खत्म होते ही 'चिंतन शिविर' का आयोजन किया जाएगा जिसमें आगे की रणनीति तय की जाएगी. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में कांग्रेस की शीर्ष नीति निर्धारक इकाई सीडब्ल्यूसी की बैठक पार्टी मुख्यालय में करीब साढ़े चार घंटे से अधिक समय तक चली.
बैठक के बाद वेणुगोपाल ने संवाददाताओं से कहा कि सभी ने सोनिया गांधी के नेतृत्व में विश्वास जताया और उनसे आग्रह किया कि वे पार्टी को मजबूत करने के लिए जरूरी बदलाव करें. उन्होंने बताया कि संसद के बजट सत्र के तत्काल बाद 'चिंतन शिविर' का आयोजन होगा. कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने बताया कि हर नेता ने सोनिया गांधी के नेतृत्व में विश्वास जताया और संगठनात्मक चुनाव संपन्न होने तक उनसे अध्यक्ष पद पर बने रहने का आग्रह किया.