लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को लग रहे झटके-पे झटके

जानिए क्या है पूरा मामला

Update: 2024-04-30 12:16 GMT
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को एक के बाद एक झटके लग रहे हैं. पहले सूरत में प्रत्याशी का नामांकन रद्द हो गया तो वहीं इंदौर से कांग्रेस प्रत्याशी ने नामांकन वापस ले लिया. इस बीच अब इंदौर में कांग्रेस के सबस्टिट्यूट कैंडिडेट मोती पटेल की याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है. हाईकोर्ट ने मोती पटेल की याचिका पर सुनवाई करते हुए ट्रेन की वेटिंग टिकट का हवाला दिया. हाईकोर्ट ने साफ किया कि अगर टिकट वेटिंग लिस्ट की है और वह कंफर्म नहीं होती है तो फिर टिकट अपने आप ही कैंसिल हो जाती है. ऐसे में जो भी यात्री है.
उसे एक जनरल टिकट भी लेकर यात्रा करनी चाहिए ताकि वो बिना फाइन यात्रा कर सके. इसके साथ ही हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता मोती पटेल को चुनाव आयोग के पास जाने का सुझाव भी दे दिया. दरअसल, कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय बम के नामांकन वापसी के बाद से डमी कैंडिडेट मोती पटेल ने हाईकोर्ट का रुख किया था. अपनी याचिका में मोती पटेल ने कहा था कि नियमानुसार कांग्रेस प्रत्याशी का नामांकन यदि निरस्त हो जाता है या वे नाम वापस ले लेते हैं तो डमी प्रत्याशी ही अधिकृत प्रत्याशी माना जाता है. बम ने नामांकन वापस लिया है तो उन्हें कांग्रेस के अधिकृत उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने का अधिकार है. हालांकि कोर्ट ने उनके इस तर्क को नहीं माना और याचिका खारिज कर दी.
बता दें कि 400 पार का नारा देती बीजेपी देश में एक सीट निर्विरोध जीत चुकी है, दो पर जीत पहले से तय मानी जा रही है. क्योंकि मध्य प्रदेश की खजुराहो सीट पर INDIA गठबंधन की प्रत्याशी मीरा यादव का पर्चा दस्तखत ना होने से खारिज हो गया. यहां बाद में INDIA गठबंधन ने अपना प्रत्याशी न रहने पर ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक के कैंडिडेट को समर्थन दे दिया है. फिर गुजरात के सूरत में कांग्रेस के अधिकृत और डमी, दोनों प्रत्याशी का पर्चा खारिज हो गया था. बाकी बसपा समेत निर्दलीय प्रत्याशियों ने पर्चा वापस से लिया. बीजेपी के प्रत्याशी निर्विरोध जीत गए. अब मध्य प्रदेश के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के गृह जिले इंदौर की सीट पर कांग्रेस के प्रत्याशी अक्षय बम ने अपना पर्चा वापस ले लिया है. साथ ही हाईकोर्ट ने सबस्टिट्यूट प्रत्याशी की याचिका भी खारिज कर दी है. सोमवार को जब इंदौर में कांग्रेस प्रत्याशी नामांकन वापस लेने पहुंचे तो उनके साथ कलेक्टर ऑफिस में बीजेपी विधायक रमेश मेंदोला देखे गए. और फिर बीजेपी में शामिल होने के लिए मध्य प्रदेश के बड़े नेता कैलाश विजयवर्गीय के साथ अक्षय कांति बम निकल पड़े. अब सवाल उठता है कि आखिर क्यों कांग्रेस प्रत्याशी ने ऐसा किया? कहीं सरकार पलटे या विधायक. तुरंत ऑपरेशन लोटस के आरोप लगते हैं. इंदौर में कांग्रेस प्रत्याशी के पर्चा लेकर पलटने पर भी आरोप लगाया जा रहा है कि कांग्रेस प्रत्याशी की कोई कमजोर नस दबाई गई है.
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